बैतूल। जिले के हिवरखेड़ी गांव में 'आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कुछ ग्रामीण दूषित पानी की एक बोतल लेकर मंच पर पहुंच गए. ग्रामीणों ने मंच पर बैठे पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे और मंत्री कमलेश्वर पटेल को अपनी समस्या बताई और बोतल में रखा हुआ दूषित पानी दिखाया. ग्रामीणों के हाथ में दूषित पानी की बोतल देख दोनों मंत्री भी सकते में आ गए थे.
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
दरअसल पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल और पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे जिले के हिवरखेड़ी गांव में 'आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. कार्यक्रम की शुरुआत जैसे ही हुई, जीन धनोरा गांव के कुछ ग्रामीण दूषित पानी लेकर मंच पर चढ़ गए. जब तक कोई कुछ समझ पाता ग्रामीणों ने बोतल में भरा हुआ पानी मंत्री के सामने पेश कर दिया. दूषित पानी को देख मंत्री सुखदेव पांसे ने ग्रामीणों को मंच पर बैठे कलेक्टर के पास भिजवाया. साथ ही कलेक्टर को मामले में जांच के आदेश दिए.
नल जल योजना के तहत मिल रहा प्रदूषित पानी
ग्रामीणों का आरोप है कि नलजल योजना से घरों में दूषित पानी आ रहा है. जिसे लेकर उन्होंने कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की है. बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
शुगर मिल से छोड़ा जा रहा गंदा पानी
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक शुगर मिल है जिसका गंदा पानी एक नाले में छोड़ा जा रहा है. जिसकी वजह से गांव कुओं का पानी प्रदूषित हो रहा है. उनका कहना है कि 1500 से ज्यादा की आबादी वाले इस गांव में जो पानी सप्लाई किया जा रहा है, वो नहाने लायक भी नहीं है. जैसे-तैसे ग्रामीण दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं.
वहीं पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने ग्रामीण की समस्या पर संज्ञान लेते कलेक्टर को शुगर मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके अलावा तत्काल पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी आदेश दिया.