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जलसंकट के कारण इस गांव के युवाओं की नहीं हो रही शादी, लोगों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

जिले के भैंसदेही ब्लॉक के काबरामाल गांव के ग्रामीण पानी की समस्या से दो-चार हो रहे हैं. आलम ये है कि पानी की दिक्कत के कारण यहां के युवाओं की शादी तक नहीं हो पा रही है. जलसंकट से परेशान ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का एलान किया है.

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Published : Apr 10, 2019, 3:25 PM IST

प्यास बुझाने के लिए जोखिम में जान

बैतूल। चुनावी सरगर्मियों के बीच जलसंकट एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. भीषण गर्मी में प्रदेश के कई इलाकों में अभी से लोग पानी की समस्या से बेहाल हैं. जलसंकट से परेशान ग्रामीण लोकसभा चुनाव के पहले लामबंद हो गए हैं और चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. जिले के भैंसदेही ब्लॉक के काबरामाल में पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर 50 फीट गहरे कुएं में उतरकर पानी लाना पड़ता है. वहीं पानी की किल्लत के कारण युवाओं की शादी तक नहीं हो पा रही है.

यह तस्वीर भैंसदेही ब्लॉक के काबरामाल गांव की है. यहां अपनी प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणों को अपनी जान खतरे में डालकर गहरे कुएं से पानी निकालना पड़ता है. गांव के हैंडपप भी सूख चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि नेता हर चुनाव में पानी की समस्या दूर करने का वादा करते हैं और चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं, इसलिए इस लोकसभा चुनाव में ग्रामीण वोटिंग के बहिष्कार का मन बना चुके हैं.

गांव में जल संकट
गांव की करुणा पवार का कहना है कि गांव में पानी की बहुत किल्लत है. पानी के लिए उन्हें गांव से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कुएं में पानी इतना कम है कि बच्चों को इसमें नीचे उतरना पड़ता है. इस दौरान कई बार गिरने से उन्हें चोट भी लग जाती है. वहीं एक अन्या ग्रामीण का कहना है कि उनकी साठ साल की उम्र हो गई है, लेकिन पानी की समस्या आज भी जस की तस है.वहीं गांव के सुरेश पवार बताते हैं कि पानी की दिक्कत के कारण उनकी शादी नहीं हो पा रही है. उनके लिए शादी के कई रिश्ते आए और बात भी पक्की हुई, लेकिन बाद में लड़की वाले मना कर देते हैं. उनका कहना है कि वो खुद कई गांवों में अपने रिश्तेदारों के साथ शादी का रिश्ता लेकर गए, लेकिन हर जगह लड़की वालों ने कहा कि आपके गांव में पानी की किल्लत है, इसलिए हम हमारी लड़की नहीं देंगे.

बैतूल। चुनावी सरगर्मियों के बीच जलसंकट एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. भीषण गर्मी में प्रदेश के कई इलाकों में अभी से लोग पानी की समस्या से बेहाल हैं. जलसंकट से परेशान ग्रामीण लोकसभा चुनाव के पहले लामबंद हो गए हैं और चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. जिले के भैंसदेही ब्लॉक के काबरामाल में पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर 50 फीट गहरे कुएं में उतरकर पानी लाना पड़ता है. वहीं पानी की किल्लत के कारण युवाओं की शादी तक नहीं हो पा रही है.

यह तस्वीर भैंसदेही ब्लॉक के काबरामाल गांव की है. यहां अपनी प्यास बुझाने के लिए ग्रामीणों को अपनी जान खतरे में डालकर गहरे कुएं से पानी निकालना पड़ता है. गांव के हैंडपप भी सूख चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि नेता हर चुनाव में पानी की समस्या दूर करने का वादा करते हैं और चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं, इसलिए इस लोकसभा चुनाव में ग्रामीण वोटिंग के बहिष्कार का मन बना चुके हैं.

गांव में जल संकट
गांव की करुणा पवार का कहना है कि गांव में पानी की बहुत किल्लत है. पानी के लिए उन्हें गांव से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. कुएं में पानी इतना कम है कि बच्चों को इसमें नीचे उतरना पड़ता है. इस दौरान कई बार गिरने से उन्हें चोट भी लग जाती है. वहीं एक अन्या ग्रामीण का कहना है कि उनकी साठ साल की उम्र हो गई है, लेकिन पानी की समस्या आज भी जस की तस है.वहीं गांव के सुरेश पवार बताते हैं कि पानी की दिक्कत के कारण उनकी शादी नहीं हो पा रही है. उनके लिए शादी के कई रिश्ते आए और बात भी पक्की हुई, लेकिन बाद में लड़की वाले मना कर देते हैं. उनका कहना है कि वो खुद कई गांवों में अपने रिश्तेदारों के साथ शादी का रिश्ता लेकर गए, लेकिन हर जगह लड़की वालों ने कहा कि आपके गांव में पानी की किल्लत है, इसलिए हम हमारी लड़की नहीं देंगे.
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