बैतूल। बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के पाढर में आदिवासी समाज के युवकों ने गौठान की भूमि पर निर्माण कार्य को लेकर ग्राम पंचायत के सचिव को ज्ञापन सौंपा है. आदिवासियों चेतावनी दी है कि, यदि निर्माण कार्य नहीं रोका गया, तो आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश परते ने बताया कि, पाढर ग्राम पंचायत द्वारा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए आरक्षित भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो नियम के विरुद्ध है. पूर्व में भी इस मामले में आदिवासी समाज के युवकों ने सांसद, एसडीएम व तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था. जिसके बाद भी इस भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है.
आदिवासियों का कहना है कि, ग्रामों में दखल रहित भूमि अधिनियम 1970 की धारा 237 के तहत गौठान, शमशान और बाजार के लिए आरक्षित भूमि दखल रहित होगी. इसमें अन्य कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. आदिवासियों का कहना है कि, गौठान भूमि आदिवासी संस्कृति से जुड़ी हुई है. इस भूमि पर आदिवासी गायकी समुदाय, गाय- बैल की दौड़ का आयोजन करते हैं. साथ ही अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं. बार-बार आपत्ति दर्ज कराने के बाद भी ग्राम पंचायत दुकान निर्माण करवा रही है.
घोड़ाडोंगरी छठवीं अनुसूची का ब्लॉक है, यहां अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या सर्वाधिक है. पूरे पाढर क्षेत्र में सभी पंचायतों में गौठान की भूमि खत्म हो चुकी है. सिर्फ पाढर पंचायत में गौठान भूमि बची है, उसे भी समाप्त करने का षड्यंत्र किया जा रहा है.
ज्ञापन देने वालों में ग्राम के पंचम इवने, माखन धुर्वे, अजय नवड़े, मनोहरी नवड़े, कमलेश धुर्वे, कमलेश ककोडिया, रंगू नवड़े, अंकित वरकड़े, मानक वरकड़े, सम्मू नवड़े, मनोज तूमड़ाम, प्रेम धुर्वे, सुरेंद्र, धनराज, निखिल नवड़े, रोहित नवड़े और ग्रमीण मौजूद रहे.