बैतूल। जिले के पाथाखेड़ा में 1979 से चल रही सारनी कोयला खदान को 1 अप्रैल से बंद कर दिया गया है. जिले में 2 नई खदानों को शुरु किए जाने की प्रकिया चल रही है, जो घोड़ाडोंगरी तहसील के गांधीग्राम और तवा में है. लेकिन इन खदानों के शुरु होने में अभी काफी वक्त लग सकता है.
- सीएम शिवराज ने की थी दो नई खदानें शुरु करने की घोषणा
जिले में कोयले के खदानों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक चुनावी जनसभा में ऐलान किया था कि यहां 4 हजार करोड़ की लागत से 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित की जाएगी और 2 नई खदान भी शुरु किए जाएंगे. जिले में नई इकाई तो नहीं लगाई गई, लेकिन सरकार बनते ही सतपुड़ा ताप गृह की 2 इकाई को बंद कर दिया गया है.
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- सारनी खदान के बंद होने पर क्या बोले महाप्रबंधक
सारनी खदान के बंद होने पर महाप्रबंधक पी.के चौधरी ने कहा कि खदान से कोयला उत्पादन बंद हो गया है. मैनपॉवर स्थानांतरित कर दिया गया है. फिलहाल, 89 जरूरी मैनपॉवर यहां कार्यरत है, जो खदान बंद होने से संबधित कार्य कर रहे हैं. साथ ही खदान से सामान बाहर निकाल रहे हैं. इसमें से 20 लोग 30 जून को सेवानिवृत हो जाएंगे. समय रहते तवा थ्री खदान खोलने की हर संभव कोशिश की जा रही है.
- 31 मई 2021 को शोभापुर खदान बंद
जिले में इसके बाद 31 मई 2021 को शोभापुर खदान बंद होगी. इस खदान के कर्मचारियों का भी ट्रांसफर किया जा रहा है. विभाग के मुताबिक, समय रहते गांधीग्राम और तवा थ्री खदान नहीं खोली गई तो पाथाखेड़ा क्षेत्र में कहने को सिर्फ 4 खदानें रहेगी. जिसमें तवा-1, तवा-2, छतरपुर-1, छतरपुर-2 खदान शामिल है.