बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील के पाथाखेड़ा में एक युवक ने फांसी का फंदा गले में डालकर अपने ही घर में आत्महत्या कर ली. घटना मंगलवार दोपहर उस वक्त की है, जब घर में मयंक (22) अकेला था. आत्महत्या करने से पहले मयंक ने अपने मोबाइल के स्टेटस पर अपना दर्द लिखकर बयां किया था .
![आत्महत्या का मामला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bet-ghoradongri-03-fansi-mpc10017_18052021204613_1805f_1621350973_602.jpg)
युवक ने मरने से पहले लिखा दर्द
मयंक ने अपने स्टेटस पर 1:25 बजे लिखा "आई एम सॉरी मम्मी जी पापा जी एंड माय फैमिली." इसके बाद लिखा, "दर्द इतना था जिंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गई" और फिर "मुझसे कभी किसी ने कोई उम्मीद ही नहीं रखी, मैं सबसे कितना प्यार करता हूं कभी कोई जान ही नहीं पाया" स्टेटस पर लिखने के बाद मयंक का शव अपने ही घर मे फांसी के फंदे पर झूलता मिला.
![आत्महत्या का मामला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bet-ghoradongri-03-fansi-mpc10017_18052021204613_1805f_1621350973_898.jpg)
पाथाखेड़ा के सुभाष नगर है घटना
दरअसल, ये दिल दहला देने वाली घटना घोड़ाडोंगरी तहसील के पाथाखेड़ा के सुभाष नगर की है. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया. साथ ही मामला दर्ज कर लिया. मामले की जांच कर रहे एएसआई जेपी बिल्लोरे ने बताया, मृतक के चाचा संतोष चौकीकर की सूचना पर मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया घटना के मयंक घर में अकेला था. इसी दौरान गमछे का फंदा बनाकर घर के पाइप से फांसी पर झूल गया. मौके पर जब पुलिस पहुंची तब घर का दरवाजा खुला था. पुलिस ने सभी पहलुओं को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. युवक की पिता का नाम श्यामराव चौकीकर है.
![आत्महत्या का मामला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bet-ghoradongri-03-fansi-mpc10017_18052021204613_1805f_1621350973_711.jpg)
![आत्महत्या का मामला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bet-ghoradongri-03-fansi-mpc10017_18052021204613_1805f_1621350973_390.jpg)
इससे पहले भी आ चुके हैं मामले
इससे पहले पाथाखेड़ा के अस्पताल कालोनी में एक किशोरी और सारनी में एक युवक ने भी आत्महत्या की है. यह तीनों घटना महज एक पखवाड़े के भीतर की है. इसलिए प्रशासन और समाज को इस तरह की घटनाएं को रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है.