बैतूल। चुनावी साल में ईटीवी भारत आपके लिए मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी सीट के बारे में. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का विधायक हैं. जबकि साल 2016 में घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में इस सीट से बीजेपी ने जीत हासिल की थी. यह सीट 2003 से 2018 तक बीजेपी के पास थी. 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी से यह सीट छीन ली. क्या बीजेपी 2023 में ये सीट कांग्रेस से वापस ले पाएगी. आदिवासी सीट होने के कारण इस बार क्षेत्र में जयस की सक्रियता बढ़ गई. इसके कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी चिंता बढ़ गई हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. यहां से बीजेपी प्रत्याशी गंगा सज्जन सिंह उइके हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राहुल उइके हैं. इन दोनों को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कौशल किशोर परते टक्कर दे रहे हैं.
2018 के बाद से सभी चुनाव हार रही भाजपा: घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में 2003 से भाजपा का गढ़ बना था. लेकिन 2018 के बाद क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती जा रही है. 2018 विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस के ब्रह्म भलावी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. वही घोड़ाडोंगरी जुवाड़ी और पाढर की जिला सदस्य पद पर भी कांग्रेस ने जीत हासिल की. इसके बाद पिछले साल हुए नगर परिषद घोड़ाडोंगरी के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. इसके बाद भी क्षेत्र में भाजपा नेता निष्क्रिय नजर आ रहे हैं. 2018 के बाद से घोड़ाडोंगरी में भाजपा का कोई बड़ा नेता नहीं आया. यहां तक कि प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार अब तक एक बार भी घोड़ाडोंगरी नहीं आये हैं.
भाजपा में बढ़ रही जुटबाजी टिकट के लिए बना परेशानी: घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में लगातार भाजपा नेताओं में जुटबाजी बढ़ रही है. यही कारण है कि भाजपा में टिकट की दौड़ में आगे चल रही घोड़ाडोंगरी के पूर्व विधायक सज्जन सिंह उइके की पत्नी गंगा उइके और पूर्व विधायक मंगल सिंह धुर्वे को टिकट न देने की मांग को लेकर जी 10 ग्रुप बन गया हैं. ये भाजपा के 10 नेताओं ने मिलकर बनाया है. जी 10 ग्रुप की लगातार अलग-अलग गांव में बैठक आयोजित भी की जा रही है. जी 10 ग्रुप में शामिल 10 नेताओं में से किसी एक को टिकट देने की मांग रखी है.
एसडीएम कोर्ट, सिविल अस्पताल, पुलिस थाना और खेल मैदान की मांग: घोड़ाडोंगरी में स्थानीय लोग कई वर्षों से एसडीएम कोर्ट, सिविल अस्पताल, सिविल कोर्ट, पुलिस थाना और खेत मैदान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक ये मांग अधूरी है. क्षेत्र में रोजगार की कमी के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनों के स्टापेज की मांग वर्षों से अधूरी है.