बैतूल। मुलताई एसडीओपी नम्रता सोंधिया ने बताया कि मुलताई थाना में ग्राम हिवरखेड़ निवासी रमेश पिता संपती गायकवाड़ (55) ने 20 फरवरी को रिपोर्ट की थी कि उसका बेटा बलराम गायकवाड़ (31) हिवरखेड़ वाले घर में अकेला रहता था. वह सांवगी जोड़ वाले मकान में रहकर खेती करता था. वह टिफिन लेने के लिये हिवरखेड़ वाले मकान में आता था. सुबह करीब 9 बजे पड़ोसी बबलू ने फोन कर बताया कि तुम्हारे घर से धुआं निकल रहा है. घर पहुंचने पर देखा कि अंदर से धुआं निकल रहा था.
वीभत्स तरीके से की हत्या : बीच वाले कमरे में जीना के नीचे लकड़ी जल रही थी. पलंग पेटी का ढक्कन खुला था, जिसे खोलकर देखा तो अंदर जला हुआ शव था. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये फिंगर प्रिंट टीम एवं एफएसएल टीम को बुलाया गया. फिंगर प्रिंट टीम द्वारा घटना के संभावित स्थानों से फिंगर प्रिंट लिये एवं जिला नर्मदापुरम से एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्यक साक्ष्य एकत्रित करने हेतु निर्देशित किया गया. मृतक बलराम के शव का पीएम कराया गया. पीएम रिपोर्ट से पाया गया कि मृतक को मृत्यु होने के उपरांत जलाया गया है. मृतक की मृत्यु असामान्य परिस्थितियों में होना पाया गया. जांच पर धारा 302, 201 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया.
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सख्ती से पूछताछ तो कबूल किया : घटनास्थल से पाये गये फिंगर प्रिंट से संदेही बबलू के फिंगर प्रिंट से मैच होना पाये गये. संदेही बबलू चुस्त चालाक होने से घटना करने से इंकार करते रहा. सख्ती से पूछताछ करने पर बताया कि मृतक बलराम का घर उसके घर के बाजू में है. वह 4 महीने से रह रहा था. वह करीबन डेढ़ महीने से अकेला रह रहा था और उसकी पत्नी से बात करता था. उसे साथ में भी देख लिया था. इसी को लेकर 19 फरवरी की रात को बबलू बागद्रे, बलराम के घर पीछे वाले दरवाजे से गया. वहां लोहे के बत्ता से सोये हुये बलराम के सिर में मारा, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसे लोहे की पलंग पेटी के अंदर डालकर मिट्टी तेल, कंडे, आईल डालकर जला दिया. आरोपी से घटना में प्रयुक्त लोहे का बत्ता जप्त किया गया एवं आरोपी को गिरफ्तार किया गया. जिसे न्यायालय पेश किया गया. एसडीओपी मुलताई नम्रता सोंधिया के निर्देशन में थाना प्रभारी उप निरीक्षक नीरज खरे, उप निरीक्षक बसंत अहाके चौकी प्रभारी मासोद, उपनिरीक्षक उत्तम मस्तकार चौकी प्रभारी पट्टन, उप निरीक्षक अश्विनी चौधरी, गमरसिंह मंडलोई, प्रधान आरक्षक देवेन्द्र प्रजापति, आरक्षक शिवराम, मेहमान कवरेती, तिलक कोडोपे, सैनिक दीपक रघुवंशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही.