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Maha Navami 2022 : बैतूल में आमला के पास 550 साल पुराना माता का मंदिर, दिनभर में तीन रूप बदलती हैं मां रेणुका देवी

कहने को मां दुर्गा के नौ स्वरूप हैं. लेकिन उनकी महिमा और उनसे जुड़ी कथा अपरम्पार है. आदि शक्ति मां भगवती का ऐसा ही एक अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के आमला से 10 किमी दूर छावल गांव में स्थित मां रेणुका का मंदिर आस्था का केंद्र है. मंदिर का इतिहास करीब 550 साल पुराना है. छोटी सी पहाड़ी पर बने मंदिर में मां रेणुका की प्राक्ट्य प्रतिमा है. मान्यता है कि यहां स्थित मंदिर में एक दिन में देवी तीन रूप बदलती हैं. Maha Navami 2022, sharadiya navratri 2022, Betul Maa Renuka temple, Temple 550 years old, Devi changes three forms, Akhand Jyoti for 60 years

Betul Maa Renuka temple
तीन रूप बदलती हैं मां रेणुका देवी
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Published : Oct 4, 2022, 11:53 AM IST

बैतूल (आमला)। आमला विकासखंड से से 10 किमी दूर स्थित छावल गांव में मां के इस धाम को छावल के नाम से जाना जाता है. मान्यता के अनुसार मां रेणुका की प्रतिमा सुबह से लेकर शाम होने तक तीन रूप में नजर आती हैं. सुबह नन्ही बालिका का स्वरूप तो दोपहर में मां के चेहरे का तेज बढ़ जाता है. शाम को मां रेणुका ममतामयी सौम्य करुणा में रूप में नजर आने लगती हैं.

तीन रूप बदलती हैं मां रेणुका देवी

मंदिर में 60 साल से अखण्ड ज्योति : कथाओं के अनुसार पहाड़ी पर बना यह मंदिर लगभग 550 साल पुराना है. मां रेणुका की प्रतिमा यहीं से प्रकट हुई थी. मंदिर के प्रारंभ से लेकर अब तक गोस्वामी परिवार ही यहां पूजा करता चला आ रहा है. गोस्वामी परिवार की ये पांचवीं पीढ़ी है, जो मंदिर की देखरेख का भी काम करती है. मंदिर में 60 साल से अखण्ड ज्योति प्रज्वलित है. ग्रामीण सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु मां रेणुका की कृपा के गवाह हैं.

Maha Navami 2022: हर मनोकामना को पूरी करती हैं रानगिर में विराजी हरसिद्धि माता, दिन में तीन बार बदलती हैं रूप

भक्तों की मन्नत पूरी करती हैं मां : नवरात्र में दूर- दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखण्ड ज्योति प्रज्वलित करने आते हैं. माता के दरबार मे जो भी विवाहित स्त्री संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगती है, उसकी मन्नत माता रानी जरूर पूरी करती हैं. मां के दरबार मे वर्षों से अखण्ड ज्योति जल रही है. इसका तेल शरीर पर लगाने से कैंसर तक ठीक हो जाता है. मंदिर आकर कैंसर के मरीज ठीक हो जाते हैं. यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. कहते हैं कि जिस पर माता रानी की कृपा होती है, वही यहां आकर दर्शन कर पाता है. मंदिर के पुजारी गणेश गोस्वामी बताते हैं कि मां दिनभर में तीन रूप बदलती हैं. Maha Navami 2022, sharadiya navratri 2022, Betul Maa Renuka temple, Temple 550 years old, Devi changes three forms

बैतूल (आमला)। आमला विकासखंड से से 10 किमी दूर स्थित छावल गांव में मां के इस धाम को छावल के नाम से जाना जाता है. मान्यता के अनुसार मां रेणुका की प्रतिमा सुबह से लेकर शाम होने तक तीन रूप में नजर आती हैं. सुबह नन्ही बालिका का स्वरूप तो दोपहर में मां के चेहरे का तेज बढ़ जाता है. शाम को मां रेणुका ममतामयी सौम्य करुणा में रूप में नजर आने लगती हैं.

तीन रूप बदलती हैं मां रेणुका देवी

मंदिर में 60 साल से अखण्ड ज्योति : कथाओं के अनुसार पहाड़ी पर बना यह मंदिर लगभग 550 साल पुराना है. मां रेणुका की प्रतिमा यहीं से प्रकट हुई थी. मंदिर के प्रारंभ से लेकर अब तक गोस्वामी परिवार ही यहां पूजा करता चला आ रहा है. गोस्वामी परिवार की ये पांचवीं पीढ़ी है, जो मंदिर की देखरेख का भी काम करती है. मंदिर में 60 साल से अखण्ड ज्योति प्रज्वलित है. ग्रामीण सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु मां रेणुका की कृपा के गवाह हैं.

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भक्तों की मन्नत पूरी करती हैं मां : नवरात्र में दूर- दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखण्ड ज्योति प्रज्वलित करने आते हैं. माता के दरबार मे जो भी विवाहित स्त्री संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगती है, उसकी मन्नत माता रानी जरूर पूरी करती हैं. मां के दरबार मे वर्षों से अखण्ड ज्योति जल रही है. इसका तेल शरीर पर लगाने से कैंसर तक ठीक हो जाता है. मंदिर आकर कैंसर के मरीज ठीक हो जाते हैं. यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. कहते हैं कि जिस पर माता रानी की कृपा होती है, वही यहां आकर दर्शन कर पाता है. मंदिर के पुजारी गणेश गोस्वामी बताते हैं कि मां दिनभर में तीन रूप बदलती हैं. Maha Navami 2022, sharadiya navratri 2022, Betul Maa Renuka temple, Temple 550 years old, Devi changes three forms

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