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विश्व आदिवासी दिवस: विधायक निलय डागा ने लोगों के साथ मिलकर मनाया विश्व आदिवासी दिवस

बैतूल जिले में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विधायक निलय डागा साईखंडारा गांव में आदिवासी भाइयों के साथ पड़ापेन पूजन में शामिल हुए. आदिवासी संस्कृति के अनुरूप विधायक डागा ने पीले वस्त्र धारण कर पड़ापेन की आरती की. साथ लोगों को संबोधित भी किया.

MLA seen in yellow clothes on World Tribal Day
विश्व आदिवासी दिवस पर पीले वस्त्र में नजर आए विधायक
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Published : Aug 10, 2020, 3:07 AM IST

Updated : Aug 10, 2020, 11:36 AM IST

बैतूल। जिले में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विधायक निलय डागा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले साईखंडारा गांव में आदिवासी भाइयों के साथ पड़ापेन पूजन में शामिल हुए, और आदिवासी संस्कृति के अनुरूप विधायक डागा ने पीले वस्त्र धारण कर आदिवासी समाज को लोगों के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया.

विश्व आदिवासी दिवस के पर विधायक ने आदिवासी संस्कृति को याद करते हुए कहा कि आदिवासी ही एक ऐसा समुदाय है, जो प्रकृति मूलक है, जिसकी जीवन प्रणाली, बोली, भाषा, परंपरा, रीति रिवाज, पहनावा, संगीत, ज्ञान, आज भी सबसे अलग है. आदिवासी समाज जितना पुराना है, उतनी ही पुरानी इस समाज कि संस्कृति है, जोकि आज भी आदिवासी समाज मे देखने को मिलती है. विधायक ने कहा कि आज का युग औद्योगिक क्रांति, संचार क्रांति से भरा पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद भी आदिवासी समाज अपनी कला और संस्कृति का पालन करते हैं.

बता दे कि पूरे विश्व में आदिवासी समुदाय ने रविवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया. इस दिन आदिवासी समुदाय समारोह आयोजित कर नाच गान करते हैं और एक दूसरे को बधाइयां देते हैं. हालांकि, इस बार कोरोना के कारण पर्व फीका जरूर है.

बैतूल। जिले में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर विधायक निलय डागा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले साईखंडारा गांव में आदिवासी भाइयों के साथ पड़ापेन पूजन में शामिल हुए, और आदिवासी संस्कृति के अनुरूप विधायक डागा ने पीले वस्त्र धारण कर आदिवासी समाज को लोगों के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया.

विश्व आदिवासी दिवस के पर विधायक ने आदिवासी संस्कृति को याद करते हुए कहा कि आदिवासी ही एक ऐसा समुदाय है, जो प्रकृति मूलक है, जिसकी जीवन प्रणाली, बोली, भाषा, परंपरा, रीति रिवाज, पहनावा, संगीत, ज्ञान, आज भी सबसे अलग है. आदिवासी समाज जितना पुराना है, उतनी ही पुरानी इस समाज कि संस्कृति है, जोकि आज भी आदिवासी समाज मे देखने को मिलती है. विधायक ने कहा कि आज का युग औद्योगिक क्रांति, संचार क्रांति से भरा पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद भी आदिवासी समाज अपनी कला और संस्कृति का पालन करते हैं.

बता दे कि पूरे विश्व में आदिवासी समुदाय ने रविवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया. इस दिन आदिवासी समुदाय समारोह आयोजित कर नाच गान करते हैं और एक दूसरे को बधाइयां देते हैं. हालांकि, इस बार कोरोना के कारण पर्व फीका जरूर है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 11:36 AM IST
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