बैतूल। जय सेवा समिति पाढर के तत्वाधान में शनिवार को बड़ा देव स्थान पाढर पहाड़ी पर अहम बैठक आयोजित की गई. जिसमें 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस महापर्व मनाने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए ये पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है. बैठक में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता, युवा, बुजुर्ग सहित समिति के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक को संबोधित करते हुए समिति के मीडिया प्रभारी ज्ञान सिंह परते ने कहा कि समस्त विश्व के आदिवासी समाजजनों के एक समुदाय ने अपने हक और अधिकार को जिंदा रखने के लिए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पिछले कुछ सालों से सभी आदिवासी समुदाय इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, इस साल कोरोना महामारी के कारण प्रशासन ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसे ध्यान में रखकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा. आदिवासी समाज के लोगों को औसत न के बराबर ये बीमारी हुई होगी, ये सब बड़ादेव की कृपा से संभव हो पाया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रशासन के नियम के अनुसार ही 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस महा पर्व मनाया जाएगा.
बलसिंह इवने ने कहा कि पिछले साल आदिवासी दिवस काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया था. समाज का हर व्यक्ति अपनी परंपरा अनुसार वेशभूषा धारण कर कर इस कार्यक्रम में उपस्थित हुआ था. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम, नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति आदि विषयों पर लेख व उद्बोधन भी आयोजित किया गया था. इन सभी प्रक्रियाओं को अपने-अपने गांव में सामाजिक कार्यकर्ता और उस गांव के लोग इसी आधार पर कार्यक्रम संपन्न करेंगे.