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बारिश के लिए मंदिर में ताला जड़कर भगवान शिव को किया कैद, जानें क्या है ये परंपरा

मध्यप्रदेश का बैतूल जिले में अच्छी बारिश हो इसके लिए वहां के ग्रामीण और पुजारी ने शिव मंदिर के गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग को पानी भरकर जल मग्न कर दिया और मंदिर में ताला बंद कर दिया है.

बारिश के लिए भगवान शिव को लोगों ने किया कैद
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Published : Jul 24, 2019, 7:48 PM IST

बैतूल। मानसून के आने के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश नहीं हो रही है. लिहाजा बारिश न होने के चलते जनता परेशान है. कहीं बारिश के लिए पूजा- पाठ कर भगवान को मनाने में लगे हैं, तो कहीं लोग बारिश के लिए यज्ञ- हवन तक कर रहे हैं. इसी बीच बैतूल जिले में एक ऐसे मामला आया है जहां लोग रूठे भगवान भोले नाथ को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए शिव मंदिर के पुजारी गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग को पानी भरकर जल मग्न कर दिया और मंदिर में ताला बंद कर दिया है.

बारिश के लिए भगवान शिव को लोगों ने किया कैद

दरअसल, मध्यप्रदेश का बैतूल जिला मानसून के आने के बाद भी सूखे की मार झेल रहा है. बैतूल जिले के शहापुर के दुर्गा चौक पर एक 100 वर्ष पुराना शिव मंदिर स्थित है. यहां के ग्रामीण और किसान बारिश न होने से परेशान है. क्षेत्र में अच्छी बारिश हो और ग्रामीणों और किसानों को सूखे से राहत मिले, इसलिए पुजारी के साथ मिल कर लोगों ने बर्तनों में पानी भरकर मंदिर के गर्भगृह में पानी डाल शिवलिंग को डूबा दिया.

ग्रामीण की मानें तो बीते कुछ वर्षों से हो रही अल्प वर्षा की वजह से इस क्षेत्र के ग्रामीण और किसान परेशान है. आठ- दस वर्ष पहले भी जब भोलेनाथ को जल मग्न किया था, तब अच्छी बारिश हुई थी. इसलिए यहां जल मग्न करके मंदिर में ताला बंद कर दिया है. पुजारी का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होगी, मंदिर का ताला नहीं खोला जाएगा और ना ही शिवलिंग की कोई भी अंदर जाकर पूजा करेगा. जो पूजा पाठ करने आएंगे वे मंदिर के बाहर ही पूजा पाठ करेंगे.

बैतूल। मानसून के आने के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश नहीं हो रही है. लिहाजा बारिश न होने के चलते जनता परेशान है. कहीं बारिश के लिए पूजा- पाठ कर भगवान को मनाने में लगे हैं, तो कहीं लोग बारिश के लिए यज्ञ- हवन तक कर रहे हैं. इसी बीच बैतूल जिले में एक ऐसे मामला आया है जहां लोग रूठे भगवान भोले नाथ को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए शिव मंदिर के पुजारी गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग को पानी भरकर जल मग्न कर दिया और मंदिर में ताला बंद कर दिया है.

बारिश के लिए भगवान शिव को लोगों ने किया कैद

दरअसल, मध्यप्रदेश का बैतूल जिला मानसून के आने के बाद भी सूखे की मार झेल रहा है. बैतूल जिले के शहापुर के दुर्गा चौक पर एक 100 वर्ष पुराना शिव मंदिर स्थित है. यहां के ग्रामीण और किसान बारिश न होने से परेशान है. क्षेत्र में अच्छी बारिश हो और ग्रामीणों और किसानों को सूखे से राहत मिले, इसलिए पुजारी के साथ मिल कर लोगों ने बर्तनों में पानी भरकर मंदिर के गर्भगृह में पानी डाल शिवलिंग को डूबा दिया.

ग्रामीण की मानें तो बीते कुछ वर्षों से हो रही अल्प वर्षा की वजह से इस क्षेत्र के ग्रामीण और किसान परेशान है. आठ- दस वर्ष पहले भी जब भोलेनाथ को जल मग्न किया था, तब अच्छी बारिश हुई थी. इसलिए यहां जल मग्न करके मंदिर में ताला बंद कर दिया है. पुजारी का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होगी, मंदिर का ताला नहीं खोला जाएगा और ना ही शिवलिंग की कोई भी अंदर जाकर पूजा करेगा. जो पूजा पाठ करने आएंगे वे मंदिर के बाहर ही पूजा पाठ करेंगे.

Intro:बैतूल ।।

बारिश के लिए जहां लोग भगवान की पूजा पाठ कर उन्हें मनाने में लगे हुए है वही मध्यप्रदेश के बैतुल जिले में एक शिव मंदिर के पुजारी ने रूठे भगवान भोले नाथ को मनाने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर शिवमंदिर के गर्भ गृह में स्थित शिवलिंग को पानी भरकर जल मग्न कर दिया और मंदिर में ताला डालकर बंधक बना लिया है । पुजारी का कहना है कि जब तक बारिश नही होगी मंदिर का ताला नही खोला जाएगा और ना ही शिवलिंग की कोई भी अंदर जाकर पूजा करेगा जो पूजा पाठ करने आएंगे वो मंदिर के बाहर ही पूजा पाठ करेंगे।
Body:बर्तनों में पानी भरकर मंदिर के गर्भगृह में पानी डाल रहे ये शहापुर के दुर्गा चौक के ग्रामीण है जो यहां पर 100 वर्ष पुराने शिव मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थित शिवलिंग को इसलिए पानी भरकर डूबा रहे है ताकि सूखे की मार झेल रहे उनके क्षेत्र में बारिश हो सके और यहां के ग्रामीणों और किसानों को सूखे से राहत मिल सके। मंदिर के पुजारी की माने तो बिते कुछ वर्षों से हो रही अल्प वर्षा की वजह से इस क्षेत्र के ग्रामीण और किसान परेशान है। आठ दस वर्ष पूर्व भी जब भोलेनाथ को जल मग्न किया था तब अच्छी बारिश हुई थी इसलिए हमने यहां जल मग्न करके मंदिर में ताला बंद कर दिया है। जिस भी भक्तगण को पूजा करना है वो बाहर ही पूजा पाठ करेंगे और जब पानी गिरेगा तब ही मंदिर का ताला खुलेगा ।Conclusion:भगवान भोलेनाथ से यही हमारी आशा है कि जबतक हम उनको ताले में बंद रखेंगे और पानी मे डुबाये रखेंगे जबतक हमारी मनोकामना पूरी नही करेंगे तब तक बाहर ही पूजन करेंगे।


बाइट -- आशा ( ग्रामीण )
बाईट -- राजू राठौर ( पुजारी )
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