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Betul News नदी पर नहीं है पुल, गर्भवती महिला को चारपाई पर नदी पार कराई, कमलनाथ का सरकार से सवाल क्या यही है विकास

आज देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, फिर भी ग्रामीण इलाके आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. मध्य प्रदेश के बैतूल की तस्वीरें ये बताने के लिए काफी हैं कि ग्रामीण किन स्थितियों में जीवन काट रहे हैं. बैतूल से ही आई इन दो तरह की तस्वीरों ने विकास की पोल खोल कर रख दी है. जहां एक ओर नदी पर पुल ना होने की वजह से गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए खाट पर लिटाकर ग्रामीण उफनती नदी को पार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से महिलाएं एवं बच्चे नदी में फंस गए, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया.

Pictures revealing rural development of Betul
बैतूल के ग्रामीण विकास की पोल खोलती तस्वीरें
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Published : Aug 11, 2022, 11:52 AM IST

Updated : Aug 11, 2022, 10:11 PM IST

बैतूल। मौसम की मार झेल रहे ग्रामीणों को नदी पर पुल नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आजादी के बाद आज तक इस गांव का विकास नहीं हुआ है. लोगों की मजबूरी यह है कि, पुल ना होने के कारण आज भी गर्भवती महिलाओं को बारिश के समय खाट पर लिटा कर नदी पार करनी पड़ती है. लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. इनकी यह समस्या एक दिन की नहीं है, बल्कि हर बारिश में इन्हें इस स्थिति का सामना करना पड़ता है.

बैतूल के ग्रामीण विकास की पोल खोलती तस्वीरें

अंत भला तो सब भला: बुधवार को जब रूपेश टेकाम की गर्भवती पत्नी नेवान्ति को दर्द शुरू हुआ तो डिलेवरी के लिए उसे जान जोखिम में डालते हुए स्पताल ले जाना पड़ा था. नदी उफान पर थी तो ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खटिया पर लिटाकर नदी पार करवाई. महिला को भौरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां सुरक्षित डिलेवरी हुई गई महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है. खास बात यह है कि सड़क न होने और बारिश में नदी के रौद्र रूप धारण कर लेने के बावजूद गांव में अगर किसी महिला को इसी तरह की परेशानी होती है तो मरीज को इसी तरह नदी पार कराना गांव वालों की मजबूरी होती है. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या अब भी जस की तस है.

Pictures revealing rural development of Betul
बैतूल के ग्रामीण विकास की पोल खोलती तस्वीरें

कमलनाथ ने सीएम से पूछा कहां है विकास: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पूरे मामले का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है अगर प्रदेश में विकास हो रहा है तो वह कहां है. उन्होंने कहा कि विकास सिर्फ भाजपा नेताओं के भाषणों में ही हो रहा है. उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए सरकार से पूछा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 18 वर्ष के विकास की यह है वास्तविक तस्वीर..है जहां प्रदेश के बैतूल ज़िले में एक गर्भवती बहन को अस्पताल ले जाने के लिये उनके परिजनो द्वारा खाट पर लेटाकर नदी पार करवाने का जोखिम उठाना पड़ता है.

वर्षों से समस्याएं झेल रहे ग्रामीण: बैतूल के विकासखंड शाहपुर के ग्राम पंचायत पावरझंडा के अन्तर्गत ग्राम जामुनढाना की नदी पर पुल न होने से लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है. बुधवार को ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर गर्भवती महिला को खटिया पर लिटाकर नदी पार करवाई. कई सालों से यह समस्या होने के बाद भी अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी है. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं. लेकिन समस्या अब भी जस की तस है. जयस ब्लॉक प्रवक्ता अंकुश कवड़े ने बताया कि, 'शासन और प्रशासन ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी कर रहा है. पूर्व में भी इस समस्या से प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है'.

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नदी में फंसे ग्रामीण, रेस्क्यू कर निकाला बाहर: घोड़ाडोंगरी तहसील के रानीपुर थाना क्षेत्र के छोटा महादेव भोपाली के पास सोमवार दोपहर नदी में अचानक बाढ़ आने से महिलाएं एवं बच्चे नदी के बीच में फंस गए. महिलाओं एवं बच्चों ने जैसे-तैसे पेड़ को पकड़कर अपने आप को बचाया, जिसके बाद वहां उपस्थित लोगों ने महिलाओं और बच्चों को रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकाला. रानीपुर थाना प्रभारी सरविन्द धुर्वे ने बताया कि, 'छोटा महादेव भोपाली के पास सोमवार दोपहर अचानक नदी में बाढ़ आ गई, इसी दौरान नदी पार कर रही महिलाएं और बच्चे बीच नदी में फंस गए. महिलाओं और बच्चों ने नदी में गिरे एक पेड़ के सहारे खुद को बचाया. जिसके बाद वहां उपस्थित लोगों की मदद से महिलाओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया'.

बैतूल। मौसम की मार झेल रहे ग्रामीणों को नदी पर पुल नहीं होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आजादी के बाद आज तक इस गांव का विकास नहीं हुआ है. लोगों की मजबूरी यह है कि, पुल ना होने के कारण आज भी गर्भवती महिलाओं को बारिश के समय खाट पर लिटा कर नदी पार करनी पड़ती है. लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. इनकी यह समस्या एक दिन की नहीं है, बल्कि हर बारिश में इन्हें इस स्थिति का सामना करना पड़ता है.

बैतूल के ग्रामीण विकास की पोल खोलती तस्वीरें

अंत भला तो सब भला: बुधवार को जब रूपेश टेकाम की गर्भवती पत्नी नेवान्ति को दर्द शुरू हुआ तो डिलेवरी के लिए उसे जान जोखिम में डालते हुए स्पताल ले जाना पड़ा था. नदी उफान पर थी तो ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खटिया पर लिटाकर नदी पार करवाई. महिला को भौरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां सुरक्षित डिलेवरी हुई गई महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है. खास बात यह है कि सड़क न होने और बारिश में नदी के रौद्र रूप धारण कर लेने के बावजूद गांव में अगर किसी महिला को इसी तरह की परेशानी होती है तो मरीज को इसी तरह नदी पार कराना गांव वालों की मजबूरी होती है. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या अब भी जस की तस है.

Pictures revealing rural development of Betul
बैतूल के ग्रामीण विकास की पोल खोलती तस्वीरें

कमलनाथ ने सीएम से पूछा कहां है विकास: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पूरे मामले का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है अगर प्रदेश में विकास हो रहा है तो वह कहां है. उन्होंने कहा कि विकास सिर्फ भाजपा नेताओं के भाषणों में ही हो रहा है. उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए सरकार से पूछा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 18 वर्ष के विकास की यह है वास्तविक तस्वीर..है जहां प्रदेश के बैतूल ज़िले में एक गर्भवती बहन को अस्पताल ले जाने के लिये उनके परिजनो द्वारा खाट पर लेटाकर नदी पार करवाने का जोखिम उठाना पड़ता है.

वर्षों से समस्याएं झेल रहे ग्रामीण: बैतूल के विकासखंड शाहपुर के ग्राम पंचायत पावरझंडा के अन्तर्गत ग्राम जामुनढाना की नदी पर पुल न होने से लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है. बुधवार को ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर गर्भवती महिला को खटिया पर लिटाकर नदी पार करवाई. कई सालों से यह समस्या होने के बाद भी अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हो सकी है. पुल निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके हैं. लेकिन समस्या अब भी जस की तस है. जयस ब्लॉक प्रवक्ता अंकुश कवड़े ने बताया कि, 'शासन और प्रशासन ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी कर रहा है. पूर्व में भी इस समस्या से प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है'.

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Last Updated : Aug 11, 2022, 10:11 PM IST
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