बैतूल (Betul)। घोड़ाडोंगरी (Ghoradongri) में बैंक (Bank) की गलती से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे (son of freedom fighter) को 91 हजार रुपए की पेनल्टी (Penalty) लगी गई है. पेनल्टी के रुपए वापस पाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का बेटा करीब ढाई माह से बैंक के लगातार चक्कर काट रहा है, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. बैंक प्रबंधन द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा. जिससे परेशान होकर ग्राहक ने बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी तक दे दी है.
14 और 9 लाख रुपए की एफडी
दरअसल, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central bank of india) ने बिना अनुमति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे की 14 और 9 लाख रुपए की एफडी तोड़ दी. एफडी टूटने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे को 91 हजार रूपए की पेनल्टी लग गई. वहीं, करीब 38 हजार रुपए के ब्याज का भी नुकसान हो गया. हालांकि बैंक प्रबंधक भी अपनी गलती मान रहा हैं. इसके बावजूद ढाई महीने से पेनल्टी के रुपए वापस पाने के लिए युवक को बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
बिना अनुमति के तोड़ दी एफडी
बता दें कि बैंक ने बिना अनुमति के खाताधारक की दो एफडी तोड़ दी. बाद में खाताधारक को मैसेज पहुंचने पर उनके द्वारा उठाई गई आपत्ति के बाद बिना अनुमति के एफडी बना भी दी. इन सब मामलों में उसे लाखों रुपए का नुकसान और मानसिक प्रताड़ना दोनों सहन करनी पड़ी. बैंक अपने कर्मचारी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है. वहीं, खाताधारक के साथ कोई न्याय नहीं हो रहा है, जिसके विरोध में खाताधारक बैंक के सामने धरना देने की तैयारी में है.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में है एफडी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शंकरलाल अग्रवाल के बेटे दिलीप अग्रवाल ने बताया कि वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के इकलौते पुत्र है. उनकी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 14 एवं 9 लाख की 2 एफडी थी. जिसका ब्याज वह अपने बचत खाता में डलवाना चाहते थे. जिसको लेकर उन्होंने 14 जुलाई 2021 को बैंक में संपर्क कर उप प्रबंधक दीपक सोलंकी और मनीष चौहान से संपर्क किया. उनके दिए गए निर्देश पर उन्होंने एफडी से मिलने वाला ब्याज बचत खाता में जमा करने के लिए लिख कर दिया. एक घंटे के भीतर उनके मोबाइल पर एफडी ब्रेक होने का मैसेज आया, जिसे देखकर उन्होंने तुरंत इसकी आपत्ति बैंक में दर्ज कराई.
बैंक के सामने धरना प्रदर्शन
बैंक कर्मचारियों द्वारा उनसे हुई गड़बड़ी के बाद आनन-फानन में बिना अनुमति के नवीन एफडी बनाकर खाताधारक को देनी चाहिए. मगर खाताधारक ने उसे लेने से मना कर दिया. अग्रवाल ने बताया कि पुरानी एफडी तोड़ने और नई एफडी बनाने दोनों ही मामले में उनसे सहमति या अनुमति नहीं ली गई. पुरानी एफडी तोड़ने के कारण उन्हें 91707 रुपए की पेनल्टी और 2 परसेंट का ब्याज 38,000 रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. बैंक कर्मचारियों द्वारा अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है, और ना ही उनकी समस्या का समाधान हो रहा है. जिसके कारण उन्होंने बैंक के सामने धरना प्रदर्शन करने का मन बनाया है.
उपभोक्ता फोरम में भी कर सकते हैं शिकायत
उन्होंने बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों पर वैधानिक कार्रवाई नहीं हुई और जमा पूंजी नहीं मिली तो वह इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में भी करेंगे. बैंक द्वारा की गई लापरवाही छोटी गलती नहीं है. इस रकम के माध्यम से उनके परिवार का भरण पोषण होता है, और इतना बड़ा नुकसान वह नहीं उठा सकते हैं. जिम्मेदार अधिकारियों को गलती स्वीकारनी होगी और उन्हें उनकी पुरानी एफडी पुनः बनाकर देनी होगी, क्योंकि इसके कारण वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.
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बैंक ने मानी अपनी गलती
प्रबंधक निलेश खातरकर का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में हैं. वरिष्ठ कार्यालय को पूरे मामले से अवगत कराया गया है. जल्द ही खाताधारक की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उन्होंने माना कि बैंक द्वारा गलती की गई है. जो मानवीय भूल है जिसके लिए किसी को सीधे दोष देना गलत है.