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सूखे बोर से निकल रहा ज्वलनशील तरल, PHE ने सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा

बैतूल जिले में एक बोर से ज्वलनशील तरल पदार्थ निकलने लगा है. जिसके बाद पीएचई विभाग ने इसकी जांच के लिए सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है.

Flammable liquid coming out of dry bore
सूखे बोर से निकल रहा ज्वलनशील तरल
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Published : Aug 30, 2020, 2:58 PM IST

बैतूल। जिले के पास सेलगांव में एक सूखे बोर से निकल रहे तरल ने सबको हैरत में डाल दिया है. डीजल जैसे दिखने वाले इस तरल से न केवल वैसी ही गंध आ रही है, बल्कि यह आग में डालने पर भड़क कर ज्वलनशील पदार्थ जैसी प्रतिक्रिया भी दे रहा है. पीएचई विभाग ने शनिवार देर शाम इसकी सैम्पलिंग कर जांच शुरू कर दी है. वहीं बोर से डीजल निकलने की अफवाह के बाद लोग इसे बटोरने के लिए कुप्पियां, बोतलें लेकर पहुंच रहे हैं.

सूखे बोर से निकल रहा ज्वलनशील तरल

घटना साईंखेड़ा थाना इलाके के सेलगांव पंचायत के करीब चारबन गांव की है. पीएचई की वंदना उपराले ने बताया कि 4 साल पहले विभाग ने यहां पेयजल के लिए बोर किया था, लेकिन यह 400 फीट गहराई के बावजूद सूखा निकला था. जिसे वैसे ही छोड़ दिया गया था. वहीं शनिवार को जब जानकारी मिली तो विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे. जहां बोर से सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया है.

बताया जा रहा है कि यह तरल पदार्थ दिखने में डीजल, मिट्टी तेल जैसा ही दिख रहा है. हो सकता है कि आसपास कहीं डीजल, मिट्टी तेल बहा हो और वह आंतरिक परतों से यहां पहुंच रहा हो. विभाग के एसडीओ रवि शंकर वर्मा ने बताया कि सैम्पलिंग में उक्त तरल पेयजल तो प्रतीत नहीं हो रहा है. विभाग पेयजल को 13 पैरामीटर पर चेक करता है, इसे भी चेक कर आज रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी.

बैतूल। जिले के पास सेलगांव में एक सूखे बोर से निकल रहे तरल ने सबको हैरत में डाल दिया है. डीजल जैसे दिखने वाले इस तरल से न केवल वैसी ही गंध आ रही है, बल्कि यह आग में डालने पर भड़क कर ज्वलनशील पदार्थ जैसी प्रतिक्रिया भी दे रहा है. पीएचई विभाग ने शनिवार देर शाम इसकी सैम्पलिंग कर जांच शुरू कर दी है. वहीं बोर से डीजल निकलने की अफवाह के बाद लोग इसे बटोरने के लिए कुप्पियां, बोतलें लेकर पहुंच रहे हैं.

सूखे बोर से निकल रहा ज्वलनशील तरल

घटना साईंखेड़ा थाना इलाके के सेलगांव पंचायत के करीब चारबन गांव की है. पीएचई की वंदना उपराले ने बताया कि 4 साल पहले विभाग ने यहां पेयजल के लिए बोर किया था, लेकिन यह 400 फीट गहराई के बावजूद सूखा निकला था. जिसे वैसे ही छोड़ दिया गया था. वहीं शनिवार को जब जानकारी मिली तो विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे. जहां बोर से सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया है.

बताया जा रहा है कि यह तरल पदार्थ दिखने में डीजल, मिट्टी तेल जैसा ही दिख रहा है. हो सकता है कि आसपास कहीं डीजल, मिट्टी तेल बहा हो और वह आंतरिक परतों से यहां पहुंच रहा हो. विभाग के एसडीओ रवि शंकर वर्मा ने बताया कि सैम्पलिंग में उक्त तरल पेयजल तो प्रतीत नहीं हो रहा है. विभाग पेयजल को 13 पैरामीटर पर चेक करता है, इसे भी चेक कर आज रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी.

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