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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन्शु ओझा की मनाई गई पुण्यतिथि, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया याद - bjp worker

घोड़ाडोंगरी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रेल की पटरी उखाड़ने और थाना जलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन्शु ओझा की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया.

Freedom fighter Manshu Ojha
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन्शु ओझा
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Published : Aug 28, 2020, 10:13 PM IST

बैतूल। घोड़ाडोंगरी में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन्शु ओझा की पुण्यतिथि मनाई गई. इस अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने घोड़ाडोंगरी के शहीद स्मारक पहुंचकर सेनानियों को नमन किया. इसके साथ ही मन्शु ओझा को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष सहित तमाम कार्यकर्ताओं का श्रीफल देकर सम्मान किया गया.

रेल की पटरी उखड़ी थी, जलाया था थाना

इस अवसर पर सेनानी परिवार के सदस्य रमेश पाखरे ने बताया कि शहीद मंशु ओझा को 21 अगस्त 1942 के दिन घोड़ाडोंगरी के शासकीय लकड़ी डिपो जलाने, धाराखोह रेलवे की पटरी उखाड़ने व रानीपुर पुलिस थाना जलाने जैसी घटनाओं में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

इंदिरा गांधी ने दिया था ताम्रपत्र

मंशु ओझा को 4 नवंबर 1942 से 20 जुलाई 1944 तक अंग्रेजों की नरसिंहपुर जेल में रखा गया. इस दौरान अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस प्रकार उनका योगदान इस क्षेत्र के लिए बड़े गर्व की बात है. उनके इस कार्य के लिए उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 15 अगस्त 1972 को शहीद मंशु ओझा को ताम्रपत्र भेंट किया गया. अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 19 नवंबर 1975 को जिला सैनिक सूची में शहीद मंशु ओझा को परिचय पत्र जारी किया गया. उनका योगदान संपूर्ण क्षेत्र के लिए बड़े गर्व की बात है.

बैतूल। घोड़ाडोंगरी में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मन्शु ओझा की पुण्यतिथि मनाई गई. इस अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने घोड़ाडोंगरी के शहीद स्मारक पहुंचकर सेनानियों को नमन किया. इसके साथ ही मन्शु ओझा को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष सहित तमाम कार्यकर्ताओं का श्रीफल देकर सम्मान किया गया.

रेल की पटरी उखड़ी थी, जलाया था थाना

इस अवसर पर सेनानी परिवार के सदस्य रमेश पाखरे ने बताया कि शहीद मंशु ओझा को 21 अगस्त 1942 के दिन घोड़ाडोंगरी के शासकीय लकड़ी डिपो जलाने, धाराखोह रेलवे की पटरी उखाड़ने व रानीपुर पुलिस थाना जलाने जैसी घटनाओं में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

इंदिरा गांधी ने दिया था ताम्रपत्र

मंशु ओझा को 4 नवंबर 1942 से 20 जुलाई 1944 तक अंग्रेजों की नरसिंहपुर जेल में रखा गया. इस दौरान अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस प्रकार उनका योगदान इस क्षेत्र के लिए बड़े गर्व की बात है. उनके इस कार्य के लिए उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 15 अगस्त 1972 को शहीद मंशु ओझा को ताम्रपत्र भेंट किया गया. अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 19 नवंबर 1975 को जिला सैनिक सूची में शहीद मंशु ओझा को परिचय पत्र जारी किया गया. उनका योगदान संपूर्ण क्षेत्र के लिए बड़े गर्व की बात है.

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