बैतूल। जिले के मुलताई क्षेत्र में भारी बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है. सोयाबीन, मक्का के साथ सब्जी की फसल भी बर्बाद हो गई है. सबसे अधिक नुकसान पत्तागोभी को हुआ है. किसानों ने अब खेतों में लगी पत्तागोभी की फसल पर रोटावेटर चलाना शुरू कर दिया है. बिरूल बाजार, बाड़ेगांव सहित अन्य गांवों के गोभी उत्पादक किसान खेतों में रोटावेटर चलाकर दूसरी फसल के लिए तैयार करने में जुट गए है.
किसानों ने फसल को हुए नुकसान का सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की है. मुलताई और प्रभातपट्टन ब्लॉक में बड़ी मात्रा में पत्तागोभी की खेती की जाती है. जुलाई महीने में किसानों ने पत्तागोभी का रोपा तैयार कर खेतों में लगाया था. खेतों में रोपा लगाने के बाद किसानों ने खाद, कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे कर फसल तैयार की थी. लगातार बारिश से खेतों में पत्तागोभी की फसल मुरझाने के साथ सड़न की स्थिति बन गई. जिससे पत्तागोभी की फसल में फूल ही नहीं बन पाया. इस स्थिति में किसानों ने फसल पर रोटावेटर चलाना शुरू कर दिया.
सब्जी फसल का भी मिले मुआवजा
किसानों का कहना है कि, एक एकड़ में पत्तागोभी को लगाने में 7 हजार रुपए का बीज लगता है. रोपा तैयार करना, रोपे को खेतों में लगाने के लिए मजदूरी, खाद, कीटनाशक दवा सहित अन्य में लगभग तीस हजार रुपए का खर्च आता है. बारिश से फसल बर्बाद होने से नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने सोयाबीन, मक्का सहित अन्य फसलों के
सर्वे की तरह सब्जी की फसल को हुए नुकसान का भी सर्वे कर मुआवजा दिए जाने की मांग की है.
लॉकडाउन के दौरान भी हुआ नुकसान
सब्जी उत्पादक किसानों को लॉकडाउन के दौरान भी नुकसान उठाना पड़ा है. बिरूल बाजार, बाड़ेगांव, सेंदुरजना, ताइखेड़ा, रायआमला, बघोड़ा, तिवरखेड़, हिवरखेड़ सहित अन्य गांवों में बड़ी मात्रा में टमाटर और पत्तागोभी की फसल लगती है. लॉकडाउन के दौरान परिवहन बंद होने से किसान सब्जी लेकर मंडी तक नहीं पहुंच पाए थे. जिससे किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा. अधिकांश किसानों ने नि:शुल्क सब्जियां बांटी थी. अब बारिश से सब्जी की फसल को नुकसान हो गया.
दोबारा सब्जी लगाने की सोच रहे किसान
बिरूल बाजार सहित अन्य गांवों के किसान पत्तागोभी की फसल खराब होने के बाद रोटावेटर चलाकर खेत को खाली कर रहे हैं. इसके बाद दोबारा पत्तागोभी की फसल लगाने की सोच रहे हैं. किसानों का कहना है कि, पत्तागोभी की फसल तीन महीने में तैयार होती है. इसके बाद खेतों में गेहूं की फसल लगाएंगे.
सोयाबीन, मक्का की फसल भी बर्बाद
क्षेत्र में अधिक बारिश से सोयाबीन और मक्का की फसल को भी नुकसान हुआ है. सोयाबीन की फसल में फल्लियां नहीं लगी है. जिन किसानों के खेतों में सोयाबीन की फसल में फल्लियां लगी है. उसमें दाने नहीं भर रहे हैं. मक्का की फसल खेतों में गिर गई है. इसके लिए किसान बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे कर उचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. एसडीएम हरसिमरनप्रीत कौर, तहसीलदार सुधीर जैन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अशोक पारधी, आरआई, पटवारी सहित अन्य अधिकारी खेतों में पहुंचकर फसलों का जायजा ले रहे हैं.
फसलों का सर्वे करने में जुटी है टीम
एसडीएम हरसिमरन प्रीत कौर ने बताया, सोयाबीन और मक्का की फसल का सर्वे शुरू हो गया है. पटवारी खेतों में जाकर सर्वे कर रहे हैं. सब्जी को हुए नुकसान को लेकर दिशा निर्देश नहीं आए है. उच्च अधिकारियों से सब्जी की फसल को हुए नुकसान के संबंध में चर्चा की जाएगी.