बैतूल। जिले के सालीमेट गांव के तालाब में आए मगरमच्छ का ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंप दिया है. सालीमेट गांव के सरकारी तालाब में नवंबर में मगरमच्छ दिखाई दिया था. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने मगरमच्छ (Betul Crocodile Rescue) को पकड़ने के लिए एसटीआर टीम को सूचना दी थी. वन विभाग की सूचना के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) और वन विभाग की टीम सालीमेट तालाब पर पहुंची थी. मगरमच्छ को पकड़ने के लिए मशक्कत की, लेकिन टीम को सफलता नहीं मिल पाई. जिसके बाद तालाब में मौजूद मगरमच्छ को ग्रामीणों ने ही रेस्क्यू कर पकड़ लिया और वन विभाग-सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम को सौंप दिया.
मगरमच्छ को नर्मदापुरम ले गई टीम: तालाब में 25 नवंबर को पहली बार कृषक विजय उइके ने मगरमच्छ को देखा था. तालाब में पानी अधिक हाेने से मगरमच्छ को पकड़ा नहीं जा सका था. इसके बाद से जाल लगाकर रखा गया था. जब किसानों और ग्रामीणों को मगरमच्छ दिखाई दिया तो वन विभाग को सूचना दी गई. ग्रामीणों ने जाल की मदद से मगरमच्छ को पकड़ लिया और वन विभाग के हवाले कर दिया. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम मगरमच्छ को लेकर नर्मदापुरम रवाना हो गई है.
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तालाब में 2 मगरमच्छ: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम ने जाल से मगरमच्छ को पकड़ने के लिए दो बार प्रयास किया था, लेकिन तालाब में अधिक पानी होने के चलते सफलता नहीं मिली. इसके बाद पानी खाली करने के लिए बुलडोजर से नाली बनाई गई थी. कुछ दिन तक मगरमच्छ नजर ही नहीं आया. जैसे ही वह दिखाई दिया ग्रामीणों (Betul Villagers Rescue Crocodile) ने उसे जाल में दबोच लिया. तालाब में मगरमच्छ की मौजूदगी से गांव और आसपास के लोग दहशत में थे. ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में 2 मगरमच्छ देखे गए थे जिसमें से एक ही पकड़ा गया है. पकड़े गए मगरमच्छ की लंबाई करीब पांच फुट है जब कि एक मगरमच्छ करीब आठ फुट लंबाई का देखा गया था.