बैतूल। जिले के बोरदेही पुलिस थाने के मंडई गांव में बीती बुधवार रात को आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला हो गया. आरोपी के परिजनों ने एएसआई, टीआई समेत अन्य पुलिस कर्मियों पर कुल्हाड़ी और अन्य हथियार से हमला कर दिया. इस हमले में बोरदेही के एक एएसआई को गम्भीर चोट आई है. टीआई समेत 3 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. सभी को इलाज के लिए मुलताई के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एसपी एवं एडिशनल एसपी पहुंचे अस्पताल: मामले की सूचना मिलने पर बैतूल SP सिद्धार्थ चौधरी, ASP नीरज सोनी ने मुलताई पहुंचकर घायल पुलिसकर्मियों का हाल जाना. जानकारी के मुताबिक, श्रीराम फाइनेंस कंपनी मुलताई द्वारा बोरदेही पुलिस को सूचना दी गई थी कि मंडई निवासी मिथुन कंपनी से लोन लेकर अपना ट्रैक्टर थर्ड पार्टी को भेज दिया है. उसके द्वारा लोन किस्त नहीं चुकाई जा रही और ना ही वाहन से संबंधित जानकारी दी जा रही है. इस पर बीती रात बोरदेही TI मुकेश ठाकुर, ASI मुकेश ठाकुर, आरक्षक रोहन और कन्हैया मिथुन के मंडई स्थित आवास पूछताछ के लिए गए थे. पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने घर पर मौजूद है. जब बोरदेही थाने का 4 लोगों का स्टाफ पहुंचा तो पूछताछ के दौरान परिजनों ने मिथुन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
आरोपी के परिजनों ने किया हमला: इसी दौरान पुलिस ने उसके भाई अरुण को घर का दरवाजा खोलने को कहा तो मिथुन के पांचों भाई अशोक, अन्नू,सोनू, संतोष, अरुण और पिता शिट्टी ने अचानक TI समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर कुल्हाड़ी और फरसा लेकर हमला कर दिया. इस घटना में ASI मुकेश ठाकुर के सिर पर गंभीर चोट लगी है. टीआई और 2 आरक्षकों को भी चोट आई हैं. हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस बल जान बचा कर वापस आ गया. उधर पुलिस ने हमला करने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है, उन पर हत्या के प्रयास समेत शासकीय कार्य में बाधा और मारपीट के मामले दर्ज हो सकते हैं.
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SDOP की लापरवाही फिर उजागर: इस मामले में एक बार फिर मुलताई SDOP नम्रता सोंधिया की लापरवाही उजागर हुई है. रात 1 बजे पुलिस बल पर हमले की घटना के बावजूद सुबह तक अपने वरिष्ठ अधिकारियों SP और ASP को बताना उचित नहीं समझा. इसी के चलते आरोपियों को भागने का भी मौका मिल गया. यदि SDOP अधिकारियों को सूचना देती तो रात को ही बैतूल से पुलिस बल भेजकर आरोपियों को पकड़ा जा सकता था. इससे पहले भी उनके मुलताई थाना क्षेत्र में 4 पुलिस कर्मियों की ढाबे पर पिटाई हो चुकी हैं, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के दिन हुई इस घटना में आज तक सम्बन्धित लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाई है. इससे एसडीपीओ की कार्यप्रणाली खासी चर्चा में है.