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कबाड़ से जुगाड़: ग्रीन टाइगर ग्रुप ने उठाया शहर को हरा-भरा रखने का जिम्मा

बैतूल का ग्रीन टाइगर ग्रुप शहर को हरा रखने के लिए एक मिसाल बन चुका है. इन्होंने पौधों को पानी देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर तीन बाइक टैंकर बनाए हैं.

Betul Green Tiger Group took up the task of keeping the city green
कबाड़ से जुगाड़
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Published : Mar 18, 2020, 6:57 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 7:33 PM IST

बैतूल। पूरे शहर को हरा-भरा रखने के लिए मिसाल बन चुका ग्रीन टाइगर ग्रुप एक फिर चर्चा में है. बैतूल शहर में दो हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके इस ग्रुप ने इन पौधों को रोजाना पानी देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर तीन बाइक टैंकर बनाए हैं. 12 से 15 हजार रुपए खर्च कर बनाए गए इन टैंकरों को बाइक के पीछे हुक के माध्यम से जोड़ा जाता है और फिर बाइक से शहर भर में लगाए गए पौधों को आसानी से रोजाना सुबह-शाम पानी दिया जाता है.

ग्रीन टाइगर ग्रुप का कबाड़ से जुगाड़

पहले आती थी दिक्कतें

जन सहयोग से काम कर रहे इस ग्रुप के सदस्यों का कहना है कि अब उन्हें अपने द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल के साथ साथ उन्हें पानी देने में भी बहुत आसानी हो रही है. क्योंकि पहले वे कुप्पियों में पानी भरकर बाइक से इन पौधों को पानी देते थे. जिसमें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

2019 में बना था ग्रुप

पर्यावरण संरक्षण और गिरते जल स्तर को देखते हुए बैतूल के 31 लोगों ने बीते साल 2 जून को ग्रीन टाइगर नाम से एक ग्रुप बनाया था. साल 2019 से लेकर अभी तक यह ग्रुप पूरे शहर में दो हजार से ज्यादा पौधे लगा चुका है और इन पौधों की देखभाल भी यह ग्रुप रोजाना करता है. इस ग्रुप को सबसे बड़ी समस्या इन पौधों को पानी देने में आ रही थी जिसके लिए इन्होंने ऐसे टैंकरों को बनाने का सोचा जो बाइक से जुड़ जाए और आसानी से इन्हें ले जाया जा सके.

जुगाड़ टेक्नोलॉजी आई काम

ग्रीन टाइगर ग्रुप के सदस्यों ने ट्रैक्टर ट्रॉली की तर्ज पर दो पहिया और चार पहिया पानी टैंकर की ट्रॉली बनाई है. जो बाइक के पीछे आसानी से जुड़ जाती है. इन टैंकरों को बनाने में 12 से 15 हजार का खर्च आया. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनाए गए इन तीन टैंकरों में दो सौ लीटर पानी आता है. यह पानी रोजाना दो हजार से ज्यादा पौधों को दिया जाता है.

बैतूल। पूरे शहर को हरा-भरा रखने के लिए मिसाल बन चुका ग्रीन टाइगर ग्रुप एक फिर चर्चा में है. बैतूल शहर में दो हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके इस ग्रुप ने इन पौधों को रोजाना पानी देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर तीन बाइक टैंकर बनाए हैं. 12 से 15 हजार रुपए खर्च कर बनाए गए इन टैंकरों को बाइक के पीछे हुक के माध्यम से जोड़ा जाता है और फिर बाइक से शहर भर में लगाए गए पौधों को आसानी से रोजाना सुबह-शाम पानी दिया जाता है.

ग्रीन टाइगर ग्रुप का कबाड़ से जुगाड़

पहले आती थी दिक्कतें

जन सहयोग से काम कर रहे इस ग्रुप के सदस्यों का कहना है कि अब उन्हें अपने द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल के साथ साथ उन्हें पानी देने में भी बहुत आसानी हो रही है. क्योंकि पहले वे कुप्पियों में पानी भरकर बाइक से इन पौधों को पानी देते थे. जिसमें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

2019 में बना था ग्रुप

पर्यावरण संरक्षण और गिरते जल स्तर को देखते हुए बैतूल के 31 लोगों ने बीते साल 2 जून को ग्रीन टाइगर नाम से एक ग्रुप बनाया था. साल 2019 से लेकर अभी तक यह ग्रुप पूरे शहर में दो हजार से ज्यादा पौधे लगा चुका है और इन पौधों की देखभाल भी यह ग्रुप रोजाना करता है. इस ग्रुप को सबसे बड़ी समस्या इन पौधों को पानी देने में आ रही थी जिसके लिए इन्होंने ऐसे टैंकरों को बनाने का सोचा जो बाइक से जुड़ जाए और आसानी से इन्हें ले जाया जा सके.

जुगाड़ टेक्नोलॉजी आई काम

ग्रीन टाइगर ग्रुप के सदस्यों ने ट्रैक्टर ट्रॉली की तर्ज पर दो पहिया और चार पहिया पानी टैंकर की ट्रॉली बनाई है. जो बाइक के पीछे आसानी से जुड़ जाती है. इन टैंकरों को बनाने में 12 से 15 हजार का खर्च आया. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बनाए गए इन तीन टैंकरों में दो सौ लीटर पानी आता है. यह पानी रोजाना दो हजार से ज्यादा पौधों को दिया जाता है.

Last Updated : Mar 18, 2020, 7:33 PM IST
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