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MP: फसल बीमा के नाम पर ये कैसा मजाक!, किसान को मिला सिर्फ एक रुपये मुआवजा - one rupee Crop Insurance Compensation

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि एक क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की है. बैतूल के किसानों के खाते में एक रुपए से लेकर 32 रुपए डाले गए हैं. किसानों का कहना है कि मुआवजा की राशि तो भीख से भी कम है, सरकार उनके साथ भद्दा मजाक कर रही है. पढ़िए पूरी खबर... .

The farmer got only one rupee compensation in betul
किसान को मिला सिर्फ एक रुपये मुआवजा
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Published : Sep 20, 2020, 1:32 AM IST

बैतूल। विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से फसल बीमा राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर तो कर दी, लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. बात बैतूल जिले की करें तो यहां के किसानों को अपनी खराब फसल का मुआवजा कहीं सिर्फ एक रुपये, कहीं 32 तो कहीं सौ रुपये मिला है. जिसके चलते किसान इसे भद्दा मजाक बता रहे हैं.

आरुल गांव के रहने वाले अनिल सरले, जिनका नाम बीमा लिस्ट में 26937 पर है. उन्हें बीते साल की खरीफ फसल का मुआवजा महज 92 रुपये मिला है, जबकि गांव गोधना में रहने वाले पूरन लाल धावले, जिनका लिस्ट में 26942 नम्बर पर नाम है, उनको उड़द की फसल खराब होने पर एक रुपये का मुआवजा मिला है.

किसान अनिल की मानें तो सरकार उनके साथ मजाक कर रही है, जबकि वे फसल के बीमा प्रीमियम के लिए प्रति एकड़ साढ़े सात सौ की रकम चुका रहे हैं.

किसान रमेश गायकवाड़ मानते हैं कि बीमा राशि में मिलने वाली रकम भीख से भी कम है. ऐसा लगता है कि सरकार उन्हें भीख दे रही है. उन्होंने कहा कि जब बीमा के अधिकारी गांव आएंगे तो ये रकम उन पर न्यौछावर कर दी जाएगी.

पिछले खरीफ सीजन में 91 हजार से ज्यादा किसानों का बीमा किया गया था. जिसमें आज 64 हजार किसानों के खाते में बीमा की रकम डाली गई है. कंपनी ने इसके लिए 81 करोड़ से ज्यादा की रकम जारी की है. वहीं कृषि अधिकारी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है, मामले को उच्च स्तर पर पहुंचाया जाएगा.

बैतूल। विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से फसल बीमा राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर तो कर दी, लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. बात बैतूल जिले की करें तो यहां के किसानों को अपनी खराब फसल का मुआवजा कहीं सिर्फ एक रुपये, कहीं 32 तो कहीं सौ रुपये मिला है. जिसके चलते किसान इसे भद्दा मजाक बता रहे हैं.

आरुल गांव के रहने वाले अनिल सरले, जिनका नाम बीमा लिस्ट में 26937 पर है. उन्हें बीते साल की खरीफ फसल का मुआवजा महज 92 रुपये मिला है, जबकि गांव गोधना में रहने वाले पूरन लाल धावले, जिनका लिस्ट में 26942 नम्बर पर नाम है, उनको उड़द की फसल खराब होने पर एक रुपये का मुआवजा मिला है.

किसान अनिल की मानें तो सरकार उनके साथ मजाक कर रही है, जबकि वे फसल के बीमा प्रीमियम के लिए प्रति एकड़ साढ़े सात सौ की रकम चुका रहे हैं.

किसान रमेश गायकवाड़ मानते हैं कि बीमा राशि में मिलने वाली रकम भीख से भी कम है. ऐसा लगता है कि सरकार उन्हें भीख दे रही है. उन्होंने कहा कि जब बीमा के अधिकारी गांव आएंगे तो ये रकम उन पर न्यौछावर कर दी जाएगी.

पिछले खरीफ सीजन में 91 हजार से ज्यादा किसानों का बीमा किया गया था. जिसमें आज 64 हजार किसानों के खाते में बीमा की रकम डाली गई है. कंपनी ने इसके लिए 81 करोड़ से ज्यादा की रकम जारी की है. वहीं कृषि अधिकारी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है, मामले को उच्च स्तर पर पहुंचाया जाएगा.

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