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अमला रेलवे स्टेशन को मिला बेस्ट रनिंग रूम पुरस्कार, रनिंग रूम में मौजूद हैं आधुनिक सुविधाएं - बैतूल

बैतूल जिले के अमला रेलवे स्टेशन को भारतीय रेल विभाग द्वारा बेस्ट रनिंग रूम पुरस्कार से नवाजा गया है. भारतीय रेलवे अपने रनिंग स्टाफ को घर जैसा माहौल मिले इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहता है.

अमला रेलवे स्टेशन को मिला बेस्ट रनिंग रूम पुरस्कार, रनिंग रूम में मौजूद हैं आधुनिक सुविधाएं
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Published : Aug 7, 2019, 6:57 AM IST

बैतूल। भारतीय रेल अपने कर्मचारियों को हर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है. खास तौर पर रेलवे रनिंग स्टाफ के लिए जो एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन तक 8 से 12 घंटे की नौकरी करते हैं. उन्हें घर जैसा माहौल मिले इसके लिए भारतीय रेल हर संभव कोशिश करता है. लोको पॉयलेट और गॉर्ड को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 30 जुलाई को मुम्बई में आमला रेलवे स्टेशन को पहला स्थान मिला है.

अमला रेलवे स्टेशन को मिला बेस्ट रनिंग रूम पुरस्कार

आमला रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो यहां रनिंग रूम में गार्डन, वाकिंग ट्रैक, ओपन ग्रीन जिम और योगा के लिए शांत और खूबसूरत माहौल उपलब्ध है. यहां लोको पॉयलट, गॉर्ड आदि के लिए सर्वसुविधायुक्त बेडरूम बनाए गए हैं. मनोरंजन के लिए इंडोर गेम्स, कैरम, समाचार पत्र , किताबें जैसे हर चीजें उपलब्ध हैं.

इसके साथ ही खाने-पीने की व्यवस्था भी सही ढंग से की जाती है, जिससे रेल कर्मियों को घर जैसा एहसास होता है. इसी तरह की और भी अन्य व्यवस्थाओं की बदौलत ही भारतीय रेल का सर्वश्रेष्ठ रनिंग रूम पुरष्कार अमला रेलवे स्टेशन को मिला है. इस रनिंग रूम में 48 बिस्तर है, जिसमें 24 घंटे में 75 से ज्यादा कर्मचारी आराम करते हैं. यहां 33 रुपये में एक थाली भोजन मिलता है, जिसमे भारतीय रेल 30 रुपए देता है तो तीन रुपए कर्मचारियों को देना पड़ता है.

बैतूल। भारतीय रेल अपने कर्मचारियों को हर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है. खास तौर पर रेलवे रनिंग स्टाफ के लिए जो एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन तक 8 से 12 घंटे की नौकरी करते हैं. उन्हें घर जैसा माहौल मिले इसके लिए भारतीय रेल हर संभव कोशिश करता है. लोको पॉयलेट और गॉर्ड को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 30 जुलाई को मुम्बई में आमला रेलवे स्टेशन को पहला स्थान मिला है.

अमला रेलवे स्टेशन को मिला बेस्ट रनिंग रूम पुरस्कार

आमला रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो यहां रनिंग रूम में गार्डन, वाकिंग ट्रैक, ओपन ग्रीन जिम और योगा के लिए शांत और खूबसूरत माहौल उपलब्ध है. यहां लोको पॉयलट, गॉर्ड आदि के लिए सर्वसुविधायुक्त बेडरूम बनाए गए हैं. मनोरंजन के लिए इंडोर गेम्स, कैरम, समाचार पत्र , किताबें जैसे हर चीजें उपलब्ध हैं.

इसके साथ ही खाने-पीने की व्यवस्था भी सही ढंग से की जाती है, जिससे रेल कर्मियों को घर जैसा एहसास होता है. इसी तरह की और भी अन्य व्यवस्थाओं की बदौलत ही भारतीय रेल का सर्वश्रेष्ठ रनिंग रूम पुरष्कार अमला रेलवे स्टेशन को मिला है. इस रनिंग रूम में 48 बिस्तर है, जिसमें 24 घंटे में 75 से ज्यादा कर्मचारी आराम करते हैं. यहां 33 रुपये में एक थाली भोजन मिलता है, जिसमे भारतीय रेल 30 रुपए देता है तो तीन रुपए कर्मचारियों को देना पड़ता है.

Intro:बैतूल ।।

घर से बाहर घर जैसा एहसास करने के लिए भारतीय रेल अपने कर्मचारियों को आराम देने के लिए हर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है । खास तौर पर रेलवे रनिंग स्टाफ के लिए जो एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन तक 8 से 12 घंटे की नौकरी करते है उन्हें भारतीय रेल हर संभव कोशिश कर रहा है । लोको पॉयलेट और गॉर्ड को हर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के मामले में जिले के आमला रेलवे स्टेशन को देश मे पहला स्थान मिला है । यह पुरष्कार 30 जुलाई 19 को मुम्बई में नागपुर मंडल को मिला ।


Body:ये है आमला रेलवे स्टेशन का रनिंग रूम जिसके मैन गेट से अंदर जाते ही आपको दिखेगा सुंदर सा गार्डन, घूमने के लिए वाकिंग ट्रैक, ओपन ग्रीन जिम और योगा के लिए शांत और खुबशुरत माहौल । यहां ड्यूटी करके थके हारे लोको पॉयलेट ( ट्रैन ड्राइवर ) गॉर्ड आदि के लिए आराम देह बैडरूम बनाये गए है जिसमे मच्छर दानी लगे बिस्तर पर रीडिंग लैंप लगे हुए है । साफ सफाई ऐसी की शायद आपके और हमारे घरो में भी ना मिले ।

यहां मनोरंजन के लिए इंडोर गेम्स, कैरम, समाचार पत्र , किताबे जैसे हर चीज उपलब्ध है । खाना इतना हाइजेनिक की रेल कर्मियों को घर जैसा एहसास होता है । जिसके कारण ही अमला के इस रनिंग रूम को भारतीय रेल का सर्वश्रेष्ठ पुरष्कार मिला है ।

आमला रनिंग रूम में आराम के लिए पहुचने वाले लोको पॉयलेट और गॉर्ड बतलाते है कि यहां आकर उन्हें घर के बाहर आकर घर जैसा एहसास होता है । थके हारे ड्यूटी करके जब भी आते है और जब घर जैसी सुविधाये मिलती है तो वे फिर से अच्छे से काम कर पाते है । आमला के इस रनिंग रूम में 48 बिस्तर है जिसमें24 घंटे में 75 से ज्यादा कर्मचारी आराम करते है । यहां 33 रुपये में एक थाली भोजन मिलता है जिसमे भारतीय रेल 30 रुपये देता है तो वही केवल 3 रुपये कर्मचारियों को देना पड़ता है ।





Conclusion:थके हुए फ्रंट लाइन रेल कर्मियों को जिस प्रकार सुविधाये आमला में मिल रही है ऐसी सुविधाये हर जंक्शन पर रनिंग स्टाफ को मिल जाये तो भारतीय रेलवे अपने मिसन में कामयाब हो जाएगा ।

बाइट -- मोहम्मद सलीम ( लोको पॉयलेट, नागपुर )
बाइट -- निहाल सोनवाने ( लोको पॉयलेट, नागपुर )
बाइट -- एस एस सयाम ( क्रू कंट्रोलर, आमला)
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