बैतूल। सरकारी ऑफिस बनाने के लिए जहां सरकार करोड़ो रूपए खर्च करती है, जबकि इन ऑफिसों को बनाने की प्रक्रिया में महीनों-सालों लग जाते हैं. जैसे-तैसे जब ये ऑफिस बनकर तैयार हो जाते हैं, तब इनकी गुणवत्ता पर हजारों सवाल उठने लगते हैं. ऐसी परेशानियों का हल निकालने के लिए बैतूल जिले के कृषि उपसंचालक ने एक पहल की है, जिसके तहत 450 लोगों के जन सहयोग से 30 लाख रुपए की लागत से महज 11 महीने में ऐसा सरकारी भवन तैयार कर दिखाए हैं, जिसकी तारीफ करते इन दिनों लोग थक नहीं रहे हैं.
अधिकारी से लेकर किसानों ने दिया योगदान
कृषि विभाग के इस भवन के निर्माण के लिए कृषि विभाग के एक भृत्य से लेकर वरिष्ठ अधिकारी और जिले के छोटे किसान से लेकर समर्थ किसान और किसान व्यापारियों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार स्वेक्षा से आर्थिक योगदान दिया है. इस भवन को देखकर ये कहा जा सकता है कि ये भवन उन सभी लोगों के खून पसीने की कमाई से बना है, जिसके निर्माण में न तो सरकार का एक पाई लगा है और न ही किसी विधायक-सांसद की निधि या राजनेता से ली गई कोई राशि. अब ये भवन जिले ही नहीं अपितु प्रदेश का पहला भवन है, जो जन सहयोग से बना है.
450 लोगों ने स्वेच्छा से दी राशि
जानकारी के मुताबिक करीब चार हजार स्क्वायर फीट में बने इस भवन को बनाने में करीब 11 महीने का समय लगा है. भवन के निर्माण में 30 लाख रुपए खर्च हुए हैं. इतनी बड़ी राशि 450 लोगों के स्वेक्षा अनुदान से एकत्र की गई है. जिन लोगों ने भवन निर्माण के लिए सहयोग राशि दी है, उनके नाम और उनके द्वारा दी गई सहयोग राशि का बोर्ड भी भवन में लगाया गया है.
पांच विभाग होंगे संचालित
इस भवन में कृषि विभाग के पांच विभाग संचालित होंगे, जो अब तक जिला मुख्यालय पर किराये के भवनों में संचालित होते थे. इनके संचालन के लिए करीब 28 हजार रुपए प्रति माह खर्च होते थे, अब इस भवन के बनने के बाद सरकार को इतने रुपयों की बचत होगी. साथ ही यहां आने वाले किसानों के लिए किसान मेले और संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा. एक सप्ताह में इस भवन में काम शुरू हो जाएगा.
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ये मध्यप्रदेश का पहला शासकीय भवन है जो जन सहयोग से बना है. किसानों की सुविधाओं के लिए यहां एक ही प्रांगण में पांच कार्यालय संचालित होंगे, जिसमें वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का कार्यालय, परियोजना संचालक, सहायक भूमि सरंक्षण अधिकारी, सहायक कृषि यंत्री अपना काम करेंगे. एक ही जगह पर कार्यालय संचालित होने से किसान भाइयों को सुविधा होगी. आने वाले समय में इस बड़े कैंपस में स्टेज बनवाया जाएगा, जहां किसान के लिए संगोष्ठी, किसान मेले का आयोजन किया जा सकता है. इन आयोजनों में करीब पांच से 10 हजार लोग सम्मलित हो सकते हैं.