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विस्थापित होने को मजबूर बाढ़ पीड़ित, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

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Published : Sep 3, 2020, 10:45 PM IST

नर्मदा किनारे रह रहे लोग बाढ़ के हालात देखते हुए अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए. सालों से मुआवजे और आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते आए हैं. सूबे में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई.

villagers
बड़वानी

बड़वानी। किसी को राशन की चिंता, तो किसी को पानी की, कुछ यही हाल है, प्रदेश के बड़वानी जिले का. जहां लोग बाढ़ से जान बचाकर आज घर होने के बावजूद बेघर हो गए हैं. दरअसल कोरोना कहर के बीच मध्यप्रदेश में बारिश का कहर जारी है. प्रदेश में कई जिले बाढ़ से प्रभावित है. बात करते हैं बड़वानी जिले की, जहां दर्जनों गांव डूब चुके है. इन गांवों में रहने वाले लोग अपना ठिकाना छोड़कर जिंदगी बचाने के लिए नई जगह पर शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन इन्हें अब भी मदद की दरकार है.

आखिर और कितना इंतजार ?

घर छोड़ने को मजबूर

जिले में नर्मदा किनारे रह रहे लोग बाढ़ के हालात देखते हुए अपना खेत,खलियान और घर सब छोड़ने को मजबूर हो गए. सालों से मुआवजे और आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते आए हैं. लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो सकी. ना सरकार को और ना प्रशासन को इन ग्रामीणों की सुध है.

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आफत की बारिश

मंत्री दे रहें आश्वासन

लंबी जद्दोजहद के बाद सूबे के मंत्री एवं बड़वानी के विधायक प्रेमसिंह पटेल ने क्षेत्रीय सांसद की उपस्थिति में बड़वानी सर्किट हाउस में डूब प्रभावित लोगों की शिकायत सुनकर मौके पर उपस्थित कलेक्टर को निर्देशित किया हैं कि, सरदार सरोवर डूब प्रभावित लोगों की शिकायतों का परीक्षण कराने हेतु समिति का गठन किया जाए, जल्द से जल्द बाढ़ प्रभावित लोगों राहत दी जाए.

villagers
ग्रामीण आशियाना छोड़कर निकले

आखिर और कितना इंतजार ?

बड़वानी जिले में नर्मदा किनारे रह रहे लोग सालों से मुआवजे व आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते आए हैं. लेकिन इन्हें इनकी मुताबिक मदद नहीं मिल रही है. वर्तमान में एक बार फिर जब इनका सब कुछ पानी में डूबने की कगार पर है, तब वो आशा लेकर कैबिनेट मंत्री से मिले, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कलेक्टर को समिति बनाकर सभी विभागों के अधिकारी व जनप्रतिनिधि को शामिल करते हुए लोगों की उचित मांग का निराकरण किए जाने के निर्देश दिए हैं.

बड़वानी। किसी को राशन की चिंता, तो किसी को पानी की, कुछ यही हाल है, प्रदेश के बड़वानी जिले का. जहां लोग बाढ़ से जान बचाकर आज घर होने के बावजूद बेघर हो गए हैं. दरअसल कोरोना कहर के बीच मध्यप्रदेश में बारिश का कहर जारी है. प्रदेश में कई जिले बाढ़ से प्रभावित है. बात करते हैं बड़वानी जिले की, जहां दर्जनों गांव डूब चुके है. इन गांवों में रहने वाले लोग अपना ठिकाना छोड़कर जिंदगी बचाने के लिए नई जगह पर शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन इन्हें अब भी मदद की दरकार है.

आखिर और कितना इंतजार ?

घर छोड़ने को मजबूर

जिले में नर्मदा किनारे रह रहे लोग बाढ़ के हालात देखते हुए अपना खेत,खलियान और घर सब छोड़ने को मजबूर हो गए. सालों से मुआवजे और आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते आए हैं. लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो सकी. ना सरकार को और ना प्रशासन को इन ग्रामीणों की सुध है.

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आफत की बारिश

मंत्री दे रहें आश्वासन

लंबी जद्दोजहद के बाद सूबे के मंत्री एवं बड़वानी के विधायक प्रेमसिंह पटेल ने क्षेत्रीय सांसद की उपस्थिति में बड़वानी सर्किट हाउस में डूब प्रभावित लोगों की शिकायत सुनकर मौके पर उपस्थित कलेक्टर को निर्देशित किया हैं कि, सरदार सरोवर डूब प्रभावित लोगों की शिकायतों का परीक्षण कराने हेतु समिति का गठन किया जाए, जल्द से जल्द बाढ़ प्रभावित लोगों राहत दी जाए.

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ग्रामीण आशियाना छोड़कर निकले

आखिर और कितना इंतजार ?

बड़वानी जिले में नर्मदा किनारे रह रहे लोग सालों से मुआवजे व आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते आए हैं. लेकिन इन्हें इनकी मुताबिक मदद नहीं मिल रही है. वर्तमान में एक बार फिर जब इनका सब कुछ पानी में डूबने की कगार पर है, तब वो आशा लेकर कैबिनेट मंत्री से मिले, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कलेक्टर को समिति बनाकर सभी विभागों के अधिकारी व जनप्रतिनिधि को शामिल करते हुए लोगों की उचित मांग का निराकरण किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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