बड़वानी। गुना जिले में दलित परिवार के साथ हुई घटना का विरोध अब जगह जगह देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में जिला मुख्यालय पर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के सदस्यों ने गुना में अतिक्रमण हटाने के नाम पर दलित परिवार पर जिला प्रशासन ने जो दलित उत्पीड़न की उसकी शिकायत को लेकर कलेक्ट्रेट और अजाक थाने में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.
गुना जिला के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ दलित उत्पीड़न की शिकायत को लेकर, स्थानीय अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के सदस्यों ने कलेक्टर के पास पहुंचकर गुना जिला प्रशासन पर दमन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा की भू-माफियाओं को संरक्षण देने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो और प्रशासनिक अधिकारियों पर एसटी/एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है.
महासभा के सुखलाल गोरे ने बताया कि जगनपुर चौक के पास साइंस कॉलेज के लिए आवंटित भूमि काफी समय से खाली पड़ी हुई थी. उस जमीन पर जिम्मेदारों से संरक्षण मिलने की वजह से भूमाफिया और दबंगों ने कब्जा करने और सुनियोजित तरीके से दलित परिवार को उस भूमि पर खेती करने दी थी. जिसके बाद उनकी खड़ी फसल पर प्रशासन ने अतिक्रमण के नाम पर कार्रवाई करते हुए जेसीबी चलाई और मारपीट की.
उक्त घटना के बाद पीड़ित परिवार ने कीटनाशक पीकर अपनी जान देने की कोशिश की. वहीं इस पूरे मामले में प्रशासन ने मौके पर उन्हें बचाने की जहमत तक नहीं की और इस घटना के बाद कलेक्टर और एसपी के खिलाफ कार्रवाई न करके उनका स्थानातरंण कर दिया गया. जिसके विरोध में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के सदस्यों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.