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खत्म होगी खाद की किल्लत, रास्ते में हैं यूरिया की 51 रैक, जानें जिलों में कब तक पहुंचेंगे - MADHYA PRADESH FERTILIZER SHORTAGE

खाद की किल्लत से जूझ रहे मध्यप्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. डीएपी और यूरिया की बड़ी खेप मध्यप्रदेश पहुंचने जा रही है.

Madhya Pradesh Fertilizer shortage
मध्यप्रदेश में खत्म होगी खाद की किल्लत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 12:30 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में किसान बीते 2 माह से खाद के लिए परेशान हैं. हालात ये हैं कि किसान पूरी रात खाद वितरण केंद्रों पर डेरा डाले रहते हैं. लेकिन खाद नहीं मिल पाती है. लेकिन अब राज्य सरकार ने किसानों की समस्या का निदान करने का पूरा इंतजाम कर लिया है. बहुत जल्द मध्यप्रदेश में खाद की 51 रैक आने आली हैं. इन रैक को प्रदेश के उन जिलों में भेजा जाएगा, जहां किसान लगातार खाद की कमी से जूझ रहे हैं.

मध्यप्रदेश में बहुत जल्द 16 हजार मीट्रिक टन खाद आएगा

मध्यप्रदेश में जल्द ही 31 रैक डीएपी और 20 रैक यूरिया पहुंचने वाला है. इस बारे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा "प्रदेश में डीएपी, एनपीके और यरिया की रैक ट्रांजिट में हैं. खाद के लिए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से लगातार समन्वय किया जा रहा है." मुख्यमंत्री ने बताया कि 16 हजार मीट्रिक टन खाद आ रही है. सीएम ने कहा कि अच्छी बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रही और अब रबी की बुवाई तेजी से हो रही है. प्रदेश में बिजली और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय कारणों से खाद की आपूर्ति में समस्या आ रही है. किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने खाद का आंकड़ेवार ब्यौरा दिया

मुख्यमंत्री ने बताया "इस साल 1 अक्टूबर से अभी तक प्रदेश में 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है, जबकि पिछले साल 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के लिए 7.4 लाख मेट्रिक टन यूरिया बेचा गया था. इसी तरह इस साल 1 अक्टूबर से 18 नवंबर के बीच 6.1 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके बेचा गया, जबकि पिछले साल 1 अक्टूबर से 18 नवंबर तक 6.3 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हुआ था."

सभी जिलों में खाद के लिए किसानों की लाइनें

बता दें कि मध्यप्रदेश में खाद की समस्या को लेकर किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. गेहूं, चना और मसूर आदि फसलों की बोवनी के लिए खाद न मिलने के चलते खरीद केन्द्रों पर किसानों की लाइनों की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. कई जिलों में किसान खाद समस्या को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. भारतीय किसान संघ भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है.

भोपाल: मध्यप्रदेश में किसान बीते 2 माह से खाद के लिए परेशान हैं. हालात ये हैं कि किसान पूरी रात खाद वितरण केंद्रों पर डेरा डाले रहते हैं. लेकिन खाद नहीं मिल पाती है. लेकिन अब राज्य सरकार ने किसानों की समस्या का निदान करने का पूरा इंतजाम कर लिया है. बहुत जल्द मध्यप्रदेश में खाद की 51 रैक आने आली हैं. इन रैक को प्रदेश के उन जिलों में भेजा जाएगा, जहां किसान लगातार खाद की कमी से जूझ रहे हैं.

मध्यप्रदेश में बहुत जल्द 16 हजार मीट्रिक टन खाद आएगा

मध्यप्रदेश में जल्द ही 31 रैक डीएपी और 20 रैक यूरिया पहुंचने वाला है. इस बारे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा "प्रदेश में डीएपी, एनपीके और यरिया की रैक ट्रांजिट में हैं. खाद के लिए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से लगातार समन्वय किया जा रहा है." मुख्यमंत्री ने बताया कि 16 हजार मीट्रिक टन खाद आ रही है. सीएम ने कहा कि अच्छी बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रही और अब रबी की बुवाई तेजी से हो रही है. प्रदेश में बिजली और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय कारणों से खाद की आपूर्ति में समस्या आ रही है. किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने खाद का आंकड़ेवार ब्यौरा दिया

मुख्यमंत्री ने बताया "इस साल 1 अक्टूबर से अभी तक प्रदेश में 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है, जबकि पिछले साल 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के लिए 7.4 लाख मेट्रिक टन यूरिया बेचा गया था. इसी तरह इस साल 1 अक्टूबर से 18 नवंबर के बीच 6.1 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके बेचा गया, जबकि पिछले साल 1 अक्टूबर से 18 नवंबर तक 6.3 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हुआ था."

सभी जिलों में खाद के लिए किसानों की लाइनें

बता दें कि मध्यप्रदेश में खाद की समस्या को लेकर किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. गेहूं, चना और मसूर आदि फसलों की बोवनी के लिए खाद न मिलने के चलते खरीद केन्द्रों पर किसानों की लाइनों की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं. कई जिलों में किसान खाद समस्या को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. भारतीय किसान संघ भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है.

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