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अच्छे बीज के बावजूद बर्बाद हो गयी कपास की फसल, किसानों ने उखाड़ कर शुरू की मक्के की खेती

नर्मदानगर में किसानों की कपास की फसल खराब हो गई है. नामी कंपनी के बीच बोने के बाद भी कपास के पौधों में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई.

फसल
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Published : Jul 19, 2019, 11:32 PM IST

बड़वानी। नर्मदानगर में 15 किसानों की करीब 100 एकड़ में लगी कपास की फसल खराब हो गई है. नामी कंपनी के कपास बीच बोने के दो महीने बाद भी कपास के पौधों में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई. जिसके कारण अब किसान अपनी फसल को उखाड़ कर खेत खाली कर रहे हैं. वहीं कुछ किसानों ने तो फसल उखाड़कर गेहूं और मक्का की बुवाई शुरू कर दी है.

अच्छे बीज के बावजूद बर्बाद हो गयी कपास की फसल

किसानों का कहना है कि जिले के अंजड़ की एक दुकान से विशिष्ट किस्म का कपास बीज खरीदकर खेतों में बुवाई की थी. लेकिन वर्तमान में पौधा चार फीट तक बढ़ने की जगह केवल दो फीट ही बढ़ पाए. जबकि कई पौधे उससे भी कम हाइट के हैं. पौधे में डेंडू छोटा रहने से उत्पादन में कमी आएगी साथ ही पर्याप्त वृद्धि नहीं होने से वह कपास की फसल उखाड़ रहे हैं. किसानों ने ब्रिज कपास बीज नकली होने की आशंका जताई है. वहीं प्रभावित किसानों ने फसल उखाड़कर गेहूं और मक्का की बुवाई शुरू कर दी है.

उपसंचालक कृषि केएस थपेडिया का कहना है कि किसानों ने कपास फसल के नुकसान को लेकर फिलहाल कोई शिकायत नहीं की है. शिकायत मिलने पर गठित दल द्वारा जांच कराने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी.

बड़वानी। नर्मदानगर में 15 किसानों की करीब 100 एकड़ में लगी कपास की फसल खराब हो गई है. नामी कंपनी के कपास बीच बोने के दो महीने बाद भी कपास के पौधों में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई. जिसके कारण अब किसान अपनी फसल को उखाड़ कर खेत खाली कर रहे हैं. वहीं कुछ किसानों ने तो फसल उखाड़कर गेहूं और मक्का की बुवाई शुरू कर दी है.

अच्छे बीज के बावजूद बर्बाद हो गयी कपास की फसल

किसानों का कहना है कि जिले के अंजड़ की एक दुकान से विशिष्ट किस्म का कपास बीज खरीदकर खेतों में बुवाई की थी. लेकिन वर्तमान में पौधा चार फीट तक बढ़ने की जगह केवल दो फीट ही बढ़ पाए. जबकि कई पौधे उससे भी कम हाइट के हैं. पौधे में डेंडू छोटा रहने से उत्पादन में कमी आएगी साथ ही पर्याप्त वृद्धि नहीं होने से वह कपास की फसल उखाड़ रहे हैं. किसानों ने ब्रिज कपास बीज नकली होने की आशंका जताई है. वहीं प्रभावित किसानों ने फसल उखाड़कर गेहूं और मक्का की बुवाई शुरू कर दी है.

उपसंचालक कृषि केएस थपेडिया का कहना है कि किसानों ने कपास फसल के नुकसान को लेकर फिलहाल कोई शिकायत नहीं की है. शिकायत मिलने पर गठित दल द्वारा जांच कराने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सुसागनार्थ।उपरोक्त खबर में माइक कार्ड में समस्या के कारण किसानों के बाइट में आवाज नही आ रही है तथा सम्बंधित किसान कही बाहर चले गए है इसलिए बाइट नही पाई। बड़वानी जिले से लगे नर्मदानगर में करीब 6 एकड़ की खेती में कपास के पौधों से लहलहाती फसल और बीच मे बैठा किसान अपनी दो माह से अधिक दिन रात की मेहनत के बावजूद पौधों में पर्याप्त वृद्धि नही होने से किसान की पेशानी पर परेशानी का सबब बयां हो रहा है क्योंकि किसान को खुद अब अपने हाथों से तैयार की गई फसल को उखाड़ फेंकने की नौबत आ गई ।


Body:केवल एक लक्ष्मण ही नहीं ऐसे नर्मदानगर के 15 किसान है जिनकी करीब 100 एकड़ में कपास की फसल खराब हो गई है और किसान अब अपनी फसल को उखाड़ कर खेत खाली कर रहे हैं। नामी कंपनी के कपास बीच बोने के बाद किसानों ने सोचा था कि अच्छी पैदावार होगी जिससे वह अपना कर्ज और अन्य जरूरतों की पूर्ति कर लेंगे , किंतु गुणवत्ता विहीन बीज के चलते उनके सपने धरे के धरे रह गए। पिछले दो महीनों पूर्व नर्मदा नगर के किसानों ने बड़वानी जिले के अंजड़ की एक दुकान से विशिष्ट किस्म का कपास बीज खरीदा था और खेतों में बुवाई की थी किंतु वर्तमान में पौधा 4 फीट तक बढ़ने की बजाय केवल 2 फीट ही उन्नत हो पाए जबकि कई पौधे उससे भी कम हाइट के हैं। किसानों का कहना है कि पौधे में डेंडू छोटा रहने से उत्पादन में कमी आएगी साथ ही पर्याप्त वृद्धि नहीं होने से वह कपास की फसल उखाड़ रहे हैं । किसानों ने ब्रिज कपास बीज नकली होने की आशंका जताई है , वही प्रभावित किसानों ने फसल उखाड़कर गेहूं और मक्का की बुवाई शुरू कर दी है उधर उपसंचालक कृषि का कहना है कि किसानों ने कपास फसल नुकसानी को लेकर फिलहाल कोई शिकायत नहीं की है शिकायत मिलने पर गठित दल द्वारा जांच कराने के बाद ही उचित कार्यवाही की जाएगी । बाइट01-केएस थपेडिया-उपसंचालक कृषि बड़वानी।


Conclusion:करीब 100 एकड़ में कपास की खेती करने वाले किसान अब अपनी दो माह से दिन रात मेहनत कर तैयार की गई फसल खुद ही उखाड़ फेंक रहे है। उन्नत किस्म का बीज बोने के बाद कपास की फसल की हाइट एवं फल छोटा लगने के चलते उत्पादन में कमी आएगी इसी के चलते किसान कपास फसल उखाड़ कर अन्य फसल बो रहे है।
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