बड़वानी। सरकार के तमाम वादों के बाद भी शहीद भीमा नायक परियोजना आज भी अधूरी और खस्ताहाल है. नहर की दीवारों में बड़ी- बड़ी दरारे हो गई हैं और पूरी नहर में घास ने कब्जा जमा रखा है. पिछले दिनों ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदेश के गृह मंत्री ने नहर का काम समय से करवाने और इसमें भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करने का वादा किया था, लेकिन ये जुमला ही साबित हुआ.
काम छोड़कर भाग चुकी है निर्माण कंपनी
ETV भारत से खास बातचीत में गृह मंत्री ने इस परियोजना को कांग्रेस की देन बताया बताते हुए देरी और अनियमितता को लेकर निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड करने और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ. निर्माण कंपनी आईवीआरसीएल काम छोड़कर भाग चुकी है.
साल 2009 में शुरू हुआ था काम
बता दें कि लोअर गोई परियोजना साल 2009 में चालू हुई थी, जिसका निर्माण पूरा करने की अवधि 4 साल थी, लेकिन 10 साल में इसके निर्माण की अवधि 6 बार बढ़ाई जा चुकी है. वहीं इसकी लागत 332.55 करोड़ रुपये से बढ़कर 545.36 करोड़ हो गई है. लेकिन इस दौरान इस परियोजना का सिर्फ नाम ही बदला नहर के हालात आज भी वैसे ही हैं.
इस परियोजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिससे नहर खंडहर में तब्दील हो गया. बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में 10 साल से इस परियोजना के पूरे होने का इंतजार कर रहे किसानों को इंतजार कब खत्म होगा, ये कहा नहीं जा सकता.