बड़वानी। जिला मुख्यालय पर एक शासकीय चिकित्सक की बड़ी लापरवाही सामने आई है. खास बात यह है कि डॉक्टर स्वयं कोरोना पॉजिटिव होकर अपने निजी दवाखाने पर अन्य कोविड पेशेंट का इलाज कर रहा था. एसडीएम ने जानकारी मिलने पर पुलिस के साथ क्लीनिक पर दबिश दी, जहां आठ लोगों का इलाज चल रहा था. एसडीएम घनश्याम धनगर ने क्लीनिक सील कर दिया है. एसडीएम के अनुसार डॉक्टर के पास अस्पताल चलाने का कोई भी दस्तावेज नहीं था.
छुट्टी लेकर क्लीनिक पर चल रहा था उपचार
कोरोना पॉजिटिव शासकीय डॉक्टर मुकेश चौहान शासकीय कोविड सेंटर आशा ग्राम पर पदस्थ है. डॉक्टर मुकेश पॉजिटिव आने के बाद छुट्टी लेकर निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल पर मरीजों का इलाज कर रहे थे. सूचना मिलने पर एसडीएम ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर क्लीनिक व हॉस्पिटल को सील कर दिया है. सरकारी हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर 24 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद छुट्टी लेकर हॉस्पिटल और निजी क्लीनिक पर मरीजों का उपचार कर रहे थे.
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डॉक्टर के घर पर लगा था कोरोना पॉजिटिव का नोटिस
डॉक्टर के घर पर प्रशासन द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर के बाहर लगाये जाना वाला स्टीकर भी लगा था. बावजूद इसके डॉक्टर अपनी मनमानी करते हुए मरीजों का इलाज कर रहा था. इतना ही नहीं डॉक्टर ओम साईं राम हॉस्पिटल और डे केयर सेंटर नामक अस्पताल भी संचालित कर रहा था. इन अस्पतालों में भी आठ मरीज भर्ती थे, जिसमें से कुछ कोरोना पॉजिटिव थे और कुछ सस्पेक्टेड थे. अस्पताल संबंधित दस्तावेज जब डॉक्टर से मांगे गए, जिन्हें डॉक्टर उपलब्ध नहीं करा पाया. फिलहाल क्लीनिक को सील कर दिया गया है. विस्तृत जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.