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बड़वानीः डूब प्रभावितों के दर्द के बीच पर्यटन की संभावना तलाशने निकली प्रशासन की टीम - नर्मदा

बड़वानी में कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा और जिला पंचायत सीईओ ने पर्यटक उद्योग की संभावनाओं को तलाशने के लिए नर्मदा के किनारे बसे गांवों का दौरा किया. जहां उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें पर्यटक उद्योग की अपार संभावनाओं के बारे में अवगत कराया.

Collectors discussing with villagers
ग्रामीणों से चर्चा करते कलेक्टर
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Published : Oct 29, 2020, 1:31 PM IST

बड़वानी। जिले में सरदार सरोवर बांध से नर्मदा नदी किनारे बसे डूब प्रभावितों के दुख दर्द को समझने के लिए प्रशासन को भले ही समय नहीं मिला, लेकिन इस डूब प्रभावित इलाकों में प्रशासन की टीम पर्यटन की संभावनाएं तलाशने जरुर निकली. कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ ने पर्यटक उद्योग की संभावनाओं को तलाशने के लिए नर्मदा के किनारे बसे ग्राम बोरखेड़ी, मोरकटटा, कुली, जल चैकी गांव का दौरा किया.

अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि डूब के कारण इस क्षेत्र में कई ऐसे स्थान बन गये हैं. जहां पर पर्यटक की अपार संभावना है. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि यदि इन स्थानों पर आदिवासी संस्कृति के अनुरूप रहने-खाने, संस्कृति अनुरूप लोक गायन एवं लोक नृत्य, मोटर बोटिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रमोट किया जाए, तो बड़े शहरों के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. जिससे स्थानीय युवाओं एवं रहवासियों को रोजगार के नये अवसर मिल सकते हैं.

नर्मदा क्षेत्र में अपने दौरे के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों से चर्चा कर जाना कि यदि इस कार्य के लिए उन्हें समुचित संसाधन एवं सुविधा उपलब्ध कराई जाए, तो क्या वे इस काम के लिए तैयार हैं, इस पर ग्रामीणों ने बताया कि यदि सरकार उन्हें सुविधा एवं प्रोत्साहित करेगी तो वो इस कार्य को अतिथि देवो भवः मानकर करेंगे. फिर भी सवाल यह है कि प्रशासन जितनी उत्सुकता से पर्यटन की संभावनाएं तलाश रही है, ठीक उसी तरह डूब प्रभावित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं का भी समाधान करे.

बड़वानी। जिले में सरदार सरोवर बांध से नर्मदा नदी किनारे बसे डूब प्रभावितों के दुख दर्द को समझने के लिए प्रशासन को भले ही समय नहीं मिला, लेकिन इस डूब प्रभावित इलाकों में प्रशासन की टीम पर्यटन की संभावनाएं तलाशने जरुर निकली. कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ ने पर्यटक उद्योग की संभावनाओं को तलाशने के लिए नर्मदा के किनारे बसे ग्राम बोरखेड़ी, मोरकटटा, कुली, जल चैकी गांव का दौरा किया.

अधिकारियों को ग्रामीणों ने बताया कि डूब के कारण इस क्षेत्र में कई ऐसे स्थान बन गये हैं. जहां पर पर्यटक की अपार संभावना है. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि यदि इन स्थानों पर आदिवासी संस्कृति के अनुरूप रहने-खाने, संस्कृति अनुरूप लोक गायन एवं लोक नृत्य, मोटर बोटिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रमोट किया जाए, तो बड़े शहरों के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. जिससे स्थानीय युवाओं एवं रहवासियों को रोजगार के नये अवसर मिल सकते हैं.

नर्मदा क्षेत्र में अपने दौरे के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों से चर्चा कर जाना कि यदि इस कार्य के लिए उन्हें समुचित संसाधन एवं सुविधा उपलब्ध कराई जाए, तो क्या वे इस काम के लिए तैयार हैं, इस पर ग्रामीणों ने बताया कि यदि सरकार उन्हें सुविधा एवं प्रोत्साहित करेगी तो वो इस कार्य को अतिथि देवो भवः मानकर करेंगे. फिर भी सवाल यह है कि प्रशासन जितनी उत्सुकता से पर्यटन की संभावनाएं तलाश रही है, ठीक उसी तरह डूब प्रभावित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं का भी समाधान करे.

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