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कलेक्टर का तुगलकी फरमान, सूचना पत्र और कार्य आदेश बाद में कर्मचारी का निलंबन पहले - hand pump technician suspended

बड़वानी जिले के सेंधवा में पदस्थ हैंडपंप टेक्नीशियन को प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. टेक्नीशियन को काम में रुचि ना लेने का हवाला देकर निलंबित कर दिया गया है. जिस पर कर्मचारी अब कलेक्टर कार्यलय के चक्कर काट रहा है.

Collector Suspend employee without any fault in sendhva barwani
बिना गलती के कर्मचारी को किया निलंबित
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Published : Jan 29, 2020, 12:13 PM IST

बड़वानी। सेंधवा में कार्यरत एक शासकीय कर्मचारी को कलेक्टर द्वारा बिना किसी गलती के निलंबित करने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर कर्मचारी खुद को सही साबित करने के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है.

बिना गलती के कर्मचारी को किया निलंबित

पीड़ित कर्मचारी का कहना है जिस कारण उसे निलंबित किया गया है उस काम के लिए उसे कभी कहा नहीं गया जबकि निलंबन पहले हुआ, नोटिस बाद में जारी हुआ. जिस काम के लिए कर्मचारी को निलंबित किया गया है. उस काम का आदेश भी उसे निलंबन की बाद की तारीख में जारी हुआ है.

बता दें, सेंधवा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हैंडपंप टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ सतीश गुप्ता को राशन मित्र सर्वे सत्यापन काम में रुचि न लेने के चलते, अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए था, जिसका उत्तर ना दिए जाने पर कलेक्टर के आदेश पर सतीश गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है.

इस पर पीड़ित सतीश का कहना है कि विभाग द्वारा उसे कभी सर्वे कार्य के लिए आदेशित नहीं किया गया और ना ही इसका प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही उन्हें किसी सर्वे के लिए कोई सामग्री दी नही दी गई. वहीं उनका कहना है कि विभाग द्वारा इस कार्य में लापरवाही करने संबंधी सूचना पत्र भी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ जिसका वो उत्तर देते.

ऐसे में एक कर्मचारी को बिना किसी कारण निलंबित करने की कार्रवाई को लेकर राजस्व अधिकारी व कलेक्टर पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

बड़वानी। सेंधवा में कार्यरत एक शासकीय कर्मचारी को कलेक्टर द्वारा बिना किसी गलती के निलंबित करने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर कर्मचारी खुद को सही साबित करने के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है.

बिना गलती के कर्मचारी को किया निलंबित

पीड़ित कर्मचारी का कहना है जिस कारण उसे निलंबित किया गया है उस काम के लिए उसे कभी कहा नहीं गया जबकि निलंबन पहले हुआ, नोटिस बाद में जारी हुआ. जिस काम के लिए कर्मचारी को निलंबित किया गया है. उस काम का आदेश भी उसे निलंबन की बाद की तारीख में जारी हुआ है.

बता दें, सेंधवा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हैंडपंप टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ सतीश गुप्ता को राशन मित्र सर्वे सत्यापन काम में रुचि न लेने के चलते, अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए था, जिसका उत्तर ना दिए जाने पर कलेक्टर के आदेश पर सतीश गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है.

इस पर पीड़ित सतीश का कहना है कि विभाग द्वारा उसे कभी सर्वे कार्य के लिए आदेशित नहीं किया गया और ना ही इसका प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही उन्हें किसी सर्वे के लिए कोई सामग्री दी नही दी गई. वहीं उनका कहना है कि विभाग द्वारा इस कार्य में लापरवाही करने संबंधी सूचना पत्र भी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ जिसका वो उत्तर देते.

ऐसे में एक कर्मचारी को बिना किसी कारण निलंबित करने की कार्रवाई को लेकर राजस्व अधिकारी व कलेक्टर पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

Intro:बड़वानी जिले के सेंधवा शहर में कार्यरत एक शासकीय कर्मचारी को कलेक्टर द्वारा बिना किसी गलती के निलंबित करने का तुगलकी फरमान जारी करने का मामला सामने आया है। जिसको लेकर कर्मचारी खुद को सही साबित करने के लिए कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है। पीड़ित कर्मचारी का कहना है जिस कारण उसे निलंबित किया गया है उस कार्य के लिए उसे कभी कहा नहीं गया जबकि निलंबन पहले हुआ नोटिस बाद में जारी हुआ तथा जिस कार्य के लिए निलंबित किया उस कार्य का आदेश भी निलंबन की बात की तिथि में जारी हुआ है।


Body:मामला कुछ इस तरह का है कि सेंधवा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हैंडपंप टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ सतीश गुप्ता को राशन मित्र सर्वे सत्यापन कार्य में रुचि न लेने के चलते अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का उत्तर न दिए जाने पर कलेक्टर के आदेश पर निलंबित कर दिया गया है । जिसके बाद पीड़ित सतीश गुप्ता कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है उसका कहना है विभाग द्वारा उसे कभी सर्वे कार्य के लिए आदेशित नहीं किया गया और नहीं प्रशिक्षण लिया है साथ ही किसी सर्वे के लिए कोई सामग्री दी गई। विभाग द्वारा इस कार्य में लापरवाही करने संबंधी सूचना पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ तो उसका उत्तर कैसे दिया जा सकता है । इसके अलावा द्वारा निलंबित करने के अगले दिन सूचना पत्र जारी हुआ है। साथ ही जिस कार्य के लिए निलंबन किया गया उस कार्य का आदेश भी निलंबन के अगले दिन निकाला गया है। ऐसे में एक अदने से कर्मचारी को बिना किसी कारण निलम्बित करने की कार्यवाही को लेकर राजस्व अधिकारी व कलेक्टर पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
बाइट01-सतीश गुप्ता


Conclusion:जिले के सेंधवा में पदस्थ हैंडपंप टेक्नीशियन को प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिस कार्य के लिए उसे निलंबित किया गया है उस कार्य के लिए सूचना पत्र निलंबन के बाद जारी किया गया है इतना ही नहीं सबसे हास्यास्पद बात यह है जिस कार्य के लिए निलंबित किया गया है उसका कार्य आदेश भी निलंबन के बाद अगले दिन निकाला गया है अब पीड़ित कर्मचारी जिला मुख्यालय पर न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर है।
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