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बड़वानी: कुकरा स्थित बापू की समाधि पर मेधा पाटकर ने अर्पित किया श्रद्धासुमन

महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर कुकरा बसाहट में स्थित उनकी समाधि पर कलेक्टर अमित तोमर और मेधा पाटकर ने श्रद्धासुमन अर्पित किया.

महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
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Published : Oct 2, 2019, 7:02 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 7:37 PM IST

बड़वानी। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर कुकरा बसाहट में स्थित समाधि पर पहुंचकर कलेक्टर अमित तोमर और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान मेधा पाटकर और कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के भजन गाए. यहां महात्मा गांधी के साथ ही उनकी पत्नी कस्तूरबा बाई और निज सचिव महादेव भाई देसाई का भी समाधि स्थल है.

महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

बता दें कि कुकरा बसाहट से पहले महात्मा गांधी की समाधि नर्मदा किनारे स्थित राजघाट पर स्थापित की गई थी. लेकिन सरदार सरोवर बांध के डूब में आने से साल 2017 में इसे कुकरा में पुनर्स्थापित कर दिया गया है.

कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि आज के समय में महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलना जरूरी है. इस दौरान नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने भी महात्मा गांधी के विचारों को याद किया.

बड़वानी। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर कुकरा बसाहट में स्थित समाधि पर पहुंचकर कलेक्टर अमित तोमर और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान मेधा पाटकर और कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के भजन गाए. यहां महात्मा गांधी के साथ ही उनकी पत्नी कस्तूरबा बाई और निज सचिव महादेव भाई देसाई का भी समाधि स्थल है.

महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

बता दें कि कुकरा बसाहट से पहले महात्मा गांधी की समाधि नर्मदा किनारे स्थित राजघाट पर स्थापित की गई थी. लेकिन सरदार सरोवर बांध के डूब में आने से साल 2017 में इसे कुकरा में पुनर्स्थापित कर दिया गया है.

कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि आज के समय में महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलना जरूरी है. इस दौरान नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने भी महात्मा गांधी के विचारों को याद किया.

Intro:बड़वानी । जिला मुख्यालय पर गांधी जी 150 जयंती पर कुकरा बसाहट में स्थित उनकी समाधि जंहा उनकी पत्नी कस्तूरबा तथा निज सचिव महादेव भाई देसाई की देहराख कलश के रूप में रखी गई है। गांधी जी को मानने वाले उनके अनुयायी समाधि स्थल पहुँचे साथ ही जिला कलेक्टर अमित तोमर व नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर व कार्यकर्ताओं ने पहुँच कर शृद्धा सुमन अर्पित किए।


Body:बता दे कि कुकरा बसाहट से पहले गांधी जी की समाधि नर्मदा किनारे स्थित राजघाट पर स्थापित की गई थी किन्तु सरदार सरोवर बांध के चलते डूब में आने से वर्ष 2017 में इसे कुकरा में पुनर्स्थापित कर दिया गया है। कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि गांधी के स्वच्छता व शौचालय के उपयोग करने से सन्देश को आत्मसात करने की बात कही नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि नर्मदा घाटी आज गांधी जी को वर्तमान परिस्थितियों में सबसे ज्यादा मार्गदर्शक ही नही अर्थपूर्ण है वह राष्ट्रपिता ही नही जगतपिता है। नर्मदा घाटी की प्रकति और संस्कृति की हत्या करने वालो को गांधी जी को छूने व पूजने का अधिकार नही है।


Conclusion:गांधी जी की जयंती पर उनके समाधि स्थल पर प्रशासनिक अधिकारियों , जनप्रतिनिधियों,सामाजिक संस्थाओं व उनके मानने वाले अनुयायियों का तांता लगा रहा ।
Last Updated : Oct 2, 2019, 7:37 PM IST
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