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जो गांव सरदार सरोवर बांध में डूब से बाहर थे, अब उनमें भी घुस रहा बाढ़ का पानी, दहशत में ग्रामीण

बड़वानी जिले में नर्मदा किनारे से लगे कई गांवों में सरदार सरोवर बांध से प्रभावितों के साथ प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है. जिन गांवों को डूब से बाहर बताया गया था. अब उन्हीं गांवों में बाढ़ का पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं.

डूब से बाहर गांव में भी घुस रहा बाढ़ का पानी
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Published : Aug 30, 2019, 9:30 PM IST

बड़वानी। जिले में नर्मदा किनारे से लगे जिन गांवों का सर्वे होने के बाद उन्हें सरदार सरोवर बांध में डूब से बाहर मान लिया गया था. अब उन्हीं गांवों में लगभग 134 मीटर बैक वाटर के चलते बाढ़ का पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. अगर बाढ़ का पानी गांवों में भरता है. तो सभी गांव टापू बन जाएगे.

डूब से बाहर गांव में भी घुस रहा बाढ़ का पानी

नर्मदा के किनारे बसे कसरावद में सरदार सरोवर बांध का पानी घुस रहा है. जिससे गांव के कई मकान और मंदिर जलमग्न हो गए हैं. . मलवाड़ा में सरदार सरोवर बांध को भरने के कारण बैक वाटर किनारों को छोड़कर गांव में घुस रहा है. वर्ष 2000 में अधिकारियों ने गांव के 210 मकानों का सर्वे कर 67 मकानों को डूब क्षेत्र में मानकर मकानों का मूल्यांकन किया था, जिसके चलते धारा 4 और 9 के तहत नोटिस भी दिए गए पर 19 साल बाद भी गांव वालों को कोई लाभ नहीं मिला है.

नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते बाढ़ का पानी किनारे बसे गांवों में प्रवेश कर रहा है. लेकिन नर्मदा के दोनों छोर पर बसे कई गांवों को डूब से बाहर बता कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. जबकि गांव में बाढ़ का पानी बढ़ने से ग्रामीण डरे हुए हैं.

बड़वानी। जिले में नर्मदा किनारे से लगे जिन गांवों का सर्वे होने के बाद उन्हें सरदार सरोवर बांध में डूब से बाहर मान लिया गया था. अब उन्हीं गांवों में लगभग 134 मीटर बैक वाटर के चलते बाढ़ का पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. अगर बाढ़ का पानी गांवों में भरता है. तो सभी गांव टापू बन जाएगे.

डूब से बाहर गांव में भी घुस रहा बाढ़ का पानी

नर्मदा के किनारे बसे कसरावद में सरदार सरोवर बांध का पानी घुस रहा है. जिससे गांव के कई मकान और मंदिर जलमग्न हो गए हैं. . मलवाड़ा में सरदार सरोवर बांध को भरने के कारण बैक वाटर किनारों को छोड़कर गांव में घुस रहा है. वर्ष 2000 में अधिकारियों ने गांव के 210 मकानों का सर्वे कर 67 मकानों को डूब क्षेत्र में मानकर मकानों का मूल्यांकन किया था, जिसके चलते धारा 4 और 9 के तहत नोटिस भी दिए गए पर 19 साल बाद भी गांव वालों को कोई लाभ नहीं मिला है.

नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते बाढ़ का पानी किनारे बसे गांवों में प्रवेश कर रहा है. लेकिन नर्मदा के दोनों छोर पर बसे कई गांवों को डूब से बाहर बता कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. जबकि गांव में बाढ़ का पानी बढ़ने से ग्रामीण डरे हुए हैं.

Intro:स्वास्थ्यगत कारणों से pkg नही बनाया गया- स्पेशल स्टोरी
बड़वानी जिले में नर्मदा किनारे से लगे कई गांवों में सरदार सरोवर बांध से प्रभावितों के साथ प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है । जिन गांवों का सर्वे होने के बाद धारा 4 व 9 के नोटिस दिए जाने के बावजूद डूब से बाहर मान लिया गया अब वही गांव 134 मीटर बैक वाटर के चलते टापू बनने की कगार पर है ।
Body:नर्मदा के किनारे बसे कसरावद में नदी का बैक वाटर के चलते गांव में घुस रहा है वही मंदिर और मकान पूरी तरह जलमग्न होने की कगार पर है इसी तरह नर्मदा पार मलवाड़ा में सरदार सरोवर बांध को भरने के चलते बैक वाटर किनारों को छोड़कर गांव में घुस रहा है। वर्ष 2000 में गांव के अधिकारियों ने 210 मकानों का सर्वे कर 67 मकानों को डूब क्षेत्र में मानकर मकानों का मूल्यांकन भी कराया था इसी के तहत धारा 4 व 9 के नोटिस भी दिए किन्तु 19 साल बाद भी गांव वालों को कोई लाभ नही मिला है। अधिकारी गांव का सर्वे कर भूल गए है जबकि वर्तमान में पानी महज 500 मीटर की दूरी है वही और 1 या दो मीटर जलस्तर बढ़ने पर घरों में घुस जाएगा साथ ही लोग ख़ौफ़ में जी रहे है उनके घरों में सांप और अजगर भी घुसने लगे है। गांव में खूंखार जानवर भी आने लगे है और मवेशियों को शिकार बना रहे है।
बाइट01-वीरेन्द्र सूर्यवंशी-ग्रामीण
बाइट02-मोहन गोस्वामी-ग्रामीण
Conclusion:नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते बैक वाटर किनारे बसे गांवों में प्रवेश कर रहा है लेकिन नर्मदा के दोनों छोर पर बसे कई गांवों को डूब से बाहर बता कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर चुके है जबकि उन गांवों में 138 मीटर पर डूब का खतरा मंडरा रहा है।
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