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कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन का दोहरा रवैया, दुकानदारों पर सख्त जनप्रतिनिधियों पर मौन क्यों

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Published : Jul 24, 2020, 4:15 PM IST

बड़वानी में अनलॉक के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे लोगों के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है, वहीं जनप्रतिधिनियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. आखिर प्रशासन का ऐसा दोहरा रवैया क्यों...

Regardless of corona infection, administration
कोरोना संक्रमण को लेकर बेपरवाह प्रशासन

बड़वानी। अनलॉक होते ही लगातार देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन मास्क नहीं पहनने वाले और सोशल डिस्टेंस मेंटेन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसी बीच जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम, सभाएं, धरना और प्रदर्शन जैसे काम किए जा रहे हैं, जहां नियमों की जमकर धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं. लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. तो सवाल ये उठता है कि अगर नियम-कानून सबके लिए बनाए गए हैं और प्रशासन आम जनता पर कार्रवाई कर रही है तो जनप्रतिनिधियों पर क्यों नहीं. आखिर प्रशासन का ऐसा दोहरा रवैया क्यों...

कोरोना संक्रमण को लेकर बेपरवाह प्रशासन

जिले में 25 जून तक 97 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए थे, जिनमें सबसे ज्यादा सेंधवा इलाके से थे लेकिन करीब पिछले एक महीने में जब से अनलॉक हुआ है, तब से जिले में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या दोगुनी हो गई है. वहीं कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी हैं. ऐसे में हालात पर काबू पाने के लिए कलेक्टर और SP ने खुद मैदान संभाला और शहर में घूम-घूमकर दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंनटेन करने और मास्क पहनने की सलाह देते हुए जुर्माना लगाया.

Careless people
लापरवाह लोग

प्रशासन द्वारा जिलेभर में जुर्माना लगाने की कार्रवाई का लोग स्वागत भी कर रहे हैं. वहीं समूह के रूप में इकट्ठा होकर सोशल डिस्टेंसिंग की वकालत करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर आक्रोश भी है. क्योंकि कोरोना काल मे वैसे भी धंधे मंदे चल रहे हैं और आम नागरिक आर्थिक रूप से परेशान है. ऐसे में कार्रवाई के लिए भेदभाव करना लोगों में रोष पैदा कर रहा है.

with out wear mask people
बिना मास्क पहने लोग

क्या कोरोना वायरस भेदभाव कर संक्रमण फैला रहा है

जागरूक रहवासी राजेश राठौड़ का कहना है कि प्रशासन की सख्ती स्वागत योग्य है लेकिन जो लोग कलेक्ट्रेट परिसर और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर और कॉलोनियों की समस्याओं को लेकर भीड़ के रूप में नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, धार्मिक जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा, जनप्रतिनिधि अपने कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन और मुद्दों को लेकर इकट्ठा होकर भीड़ के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके खिलाफ जुर्माना लगाने और सख्ती से जिला प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं करता है, क्या कोरोना वायरस भी भेदभाव कर संक्रमण फैला रहा है.

मीडिया को करना चाहिए जागरूक

वहीं इस मामले में कलेक्टर शिवराज सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की सभाएं, प्रदर्शन,धरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मीडिया को उन्हें जागरूक करना चाहिए. हाल ही में मंत्री अरविंद भदौरिया भी कोरोना पॉजिटिव होकर कई कार्यक्रमों में भीड़ के बीच नजर आए, जिसके चलते हड़कंप मचा हुआ है. इसी तरह की लापरवाही बड़वानी जिले में भी दिखाई दे रही है.

जिला प्रशासन अगर कोरोना के बढ़ते लक्षणों से ईमानदारी से निपटना चाहता है तो पहले जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की उमड़ती भीड़ पर भी लगाम लगना होगा. वहीं समस्याओं के नाम पर भीड़ के रूप में इकट्ठा लोगों पर जुर्माना की कार्रवाई करने के साथ-साथ लोगों को समझाइश देने के कार्रवाई करें.

बड़वानी। अनलॉक होते ही लगातार देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन मास्क नहीं पहनने वाले और सोशल डिस्टेंस मेंटेन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसी बीच जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम, सभाएं, धरना और प्रदर्शन जैसे काम किए जा रहे हैं, जहां नियमों की जमकर धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं. लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. तो सवाल ये उठता है कि अगर नियम-कानून सबके लिए बनाए गए हैं और प्रशासन आम जनता पर कार्रवाई कर रही है तो जनप्रतिनिधियों पर क्यों नहीं. आखिर प्रशासन का ऐसा दोहरा रवैया क्यों...

कोरोना संक्रमण को लेकर बेपरवाह प्रशासन

जिले में 25 जून तक 97 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए थे, जिनमें सबसे ज्यादा सेंधवा इलाके से थे लेकिन करीब पिछले एक महीने में जब से अनलॉक हुआ है, तब से जिले में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या दोगुनी हो गई है. वहीं कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी हैं. ऐसे में हालात पर काबू पाने के लिए कलेक्टर और SP ने खुद मैदान संभाला और शहर में घूम-घूमकर दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंनटेन करने और मास्क पहनने की सलाह देते हुए जुर्माना लगाया.

Careless people
लापरवाह लोग

प्रशासन द्वारा जिलेभर में जुर्माना लगाने की कार्रवाई का लोग स्वागत भी कर रहे हैं. वहीं समूह के रूप में इकट्ठा होकर सोशल डिस्टेंसिंग की वकालत करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर आक्रोश भी है. क्योंकि कोरोना काल मे वैसे भी धंधे मंदे चल रहे हैं और आम नागरिक आर्थिक रूप से परेशान है. ऐसे में कार्रवाई के लिए भेदभाव करना लोगों में रोष पैदा कर रहा है.

with out wear mask people
बिना मास्क पहने लोग

क्या कोरोना वायरस भेदभाव कर संक्रमण फैला रहा है

जागरूक रहवासी राजेश राठौड़ का कहना है कि प्रशासन की सख्ती स्वागत योग्य है लेकिन जो लोग कलेक्ट्रेट परिसर और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर और कॉलोनियों की समस्याओं को लेकर भीड़ के रूप में नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, धार्मिक जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा, जनप्रतिनिधि अपने कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन और मुद्दों को लेकर इकट्ठा होकर भीड़ के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके खिलाफ जुर्माना लगाने और सख्ती से जिला प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं करता है, क्या कोरोना वायरस भी भेदभाव कर संक्रमण फैला रहा है.

मीडिया को करना चाहिए जागरूक

वहीं इस मामले में कलेक्टर शिवराज सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की सभाएं, प्रदर्शन,धरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मीडिया को उन्हें जागरूक करना चाहिए. हाल ही में मंत्री अरविंद भदौरिया भी कोरोना पॉजिटिव होकर कई कार्यक्रमों में भीड़ के बीच नजर आए, जिसके चलते हड़कंप मचा हुआ है. इसी तरह की लापरवाही बड़वानी जिले में भी दिखाई दे रही है.

जिला प्रशासन अगर कोरोना के बढ़ते लक्षणों से ईमानदारी से निपटना चाहता है तो पहले जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की उमड़ती भीड़ पर भी लगाम लगना होगा. वहीं समस्याओं के नाम पर भीड़ के रूप में इकट्ठा लोगों पर जुर्माना की कार्रवाई करने के साथ-साथ लोगों को समझाइश देने के कार्रवाई करें.

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