बालाघाट। जिले के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा विकासखंड में महीनों से राशन लेने के लिए सोसायटी के चक्कर काटने के लिए आदिवासी मजबूर हैं. ग्रामीण 50 किलोमीटर दूर से पैदल राशन लेने के लिये रोजाना आते हैं, लेकिन राशन नहीं मिलने से वे परेशान हैं. शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति से सस्ते दामों में अनाज प्राप्त होता है. दरअसल ये समस्या ऑनलाइन पीओएस मशीन के चलते हो रही है.
मशीन में नेटवर्क नहीं रहने से ग्रामीणों की अंगुलियों का निशान नहीं लगता है. साथ ही कभी नेटवर्क रहा तो भी वेबसाइट बंद मिलता है, जिसके चलते हितग्राहियों को अनाज वितरण में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है. उनका का कहना है कि वेबसाइट की समस्या होने पर कार्ड पात्रता सूची देखकर रजिस्टर में इंट्री कर राशन प्रदान की जाए. इस समस्या में उपसरपंच अमीरचंद रिनायत का कहना है कि ग्रामीणों को राशन प्राप्त नहीं हो रहा है.
जानकारी में पता चला कि नेटवर्क और विभागीय साइट के बंद होने से समस्या उत्पन्न हो रही है. इस मामले में उचित मूल्य दुकान के सेल्समैन महेंद्र तुरकर ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन का नियम है कि ऑनलाइन के माध्यम से ही अनाज दिया जाए. शासन के आदेशानुसार ही अनाज वितरित किया जा रहा है. वहीं इस मामले में तहसीलदार नवीन चौधरी ने जांच का आश्वासन दिया है.