बालाघाट। ज्योतिष के अनुसार शुभ मुहूर्त में धान की बोनी से लाभ होता है. उत्पादन क्षमता बेहतर होती है, किसी प्रकार से फसलों को नुकसानी की आशंका कम होती है. शुभ मुहूर्त तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं. ज्योतिषशास्त्र में कृषि संबंधी कार्यों के लिए उपयोगी मुहूर्तों का उल्लेख किया गया है. यदि इन मुहूर्तो को घ्यान में रखते हुए कृषि संबंधी कार्य सम्पन्न किए जाएं, तो लाभ की संभावना रहती है.
क्षेत्र के किसान शुभ मुहूर्त देखकर धान की बोनी शुरू कर दिए हैं. अक्षय तृतीया तिथि को फसल बोनी शुरू करने के लिए उत्तम मुहूर्त मान कर क्षेत्र के अधिकतर किसान, इस तिथि में बोनी की शुरूआत करते हैं. लेकिन ऐसे किसान जो समयाभाव और अन्य कारणों से खेत तैयार नहीं कर पाते हैं. वह किसान पुरोहित से मुहूर्त दिखाकर निर्धारित तिथि एवं समय में बोनी की शुरूआत करते हैं.
उल्लेखनीय है कि, यह कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहां अधिकतम लोग खेती-किसानी कर अपनी आजीविका चलाते हैं. वहीं यहां परंपरा आधारित नियमों का पालन किया जाता है. बोनी की शुरूआत मुहूर्त देखकर करते हैं. जहां किसान के राशि अनुसार किस दिन को किस दिशा के खेत में बोनी करना शुभ है. उसी के अनुसार नियमों का पालन करते हैं. शुरूआत के दिन घर में भक्तिमय उत्साह का माहौल होता है.
यूं तो बालाघाट जिला धान की फसल के लिए जाना जाता है. जहां पर उन्नत किस्म की धान की खेती की जाती है और यहां धान की पैदावर भी बहुतायत मात्रा में होती है. यहां अधिकांश किसान अब खेती की नई तकनीकों को सीखकर उसका उपयोग करते हुए खेती को लाभ का धंधा भी बना चुके हैं. हालांकि आज भी ग्रामीण अंचलों में पारम्परिक तरीके से खेती होती है.