बालाघाट। जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी खुद पर जानलेवा हमला किया. उसकी हालत गंभीर है. घायल कैदी ने जेलर बीएल प्रजापति पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं. उसका आरोप है कि जेलर रुपये देने वाले बंदियो को अच्छी सुविधाएं और पैसे नहीं देने वाले कैदियों को रूखा-सूखा और बेस्वाद भोजन देता है. इसके खिलाफ आवाज उठाने पर बंदियों से मारपीट कर प्रताड़ित किया जाता है.
जेलर ने भी लगाए आरोप : विचाराधीन कैदी जितेन्द्र ठाकरे ने स्वयं के बांये हाथ और गर्दन में ब्लैड मारकर घायल कर लिया. वहीं, विचारधीन कैदी के आरोपों से जेलर ने इंकार किया है. जेलर बीएल प्रजापति की मानें तो कैदी फितरती दिमाग के साथ असामान्य व्यवहार करने वाला है. गौरतलब है कि बालाघाट जिला जेल में यह कोई पहला मामला नहीं है, यहां कैदियों के बीच संघर्ष में कैदी की मौत का मामला भी सामने आ चुका है. हालांकि लंबे समय के बाद विचाराधीन कैदी द्वारा स्वयं को चोटिल कर आत्महत्या का प्रयास किये जाने की यह पहली घटना है.
खुद पर हमला करने से पहले परिजनों से बात की : बताया जाता है कि विचारधीन कैदी ने खुद पर हमला करने से पहले फोन पर परिजनों से बात की थी. घायल होने पर उसे जेल प्रबंधन द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. कैदी ने मीडिया के सामने जेलर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जेलर मुझे मेंटली रूप से अनफिट कर जबलपुर भेजने के प्रयास में है. जब जेलर की प्रताड़ना की अति हो गई तो स्वयं को मारने की मंशा से यह कदम उठाया.
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मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब : जेलर की कथित प्रताड़ना से तंग आकर विचारधीन कैदी जितेन्द्र ठाकरे द्वारा जेल परिसर की बैरक में शरीर पर ब्लेड मारकर आत्महत्या किये जाने के मामले को मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मामले को संज्ञान में लेकर महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं और बालाघाट जेल अधीक्षक से एक माह में तत्थ्यात्मक जवाब मांगा है. (Prisoner committed attack on himself) ( Attack on himself in Balaghat jail)