भोपाल: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सली सक्रिय हो गए हैं, बालाघाट के जंगलों में लगातार नक्सलियों का मूवमेंट देखा जा रहा है. इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने कान्हा टाइगर रिजर्व अथॉरिटी को एक पत्र लिखकर दी है कि नक्सलियों का विस्तार दलम कान्हा टाइगर रिजर्व के आस-पास बेस कैंप बनाने की फिराक में हैं. वहीं आज फिर बालाघाट पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने किरनापुर थाना क्षेत्र स्थित बोरवन के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान दो महिला नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें शोभा और भादो नाम की नक्सली महिला शामिल हैं. बताया जा रहा है कि शोभा पूर्व नक्सली कमांडर राकेश की पत्नी है. इस इलाके में 18 से 20 नक्सलियों के होने की जानकारी पुलिस को मिली है.
छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने लिखा कान्हा टाइगर रिजर्व अथॉरिटी को पत्र
छत्तीसगढ़ में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद छत्तीसगढ़ के जंगलों से नक्सली मध्य प्रदेश की ओर आ रहे हैं. सबसे ज्यादा मूवमेंट बालाघाट के जंगलों में देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि नक्सलियों का विस्तार दलम कान्हा टाइगर रिजर्व के आस-पास बेस कैंप बनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों ने कान्हा नेशनल पार्क अथॉरिटी को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कहा गया है कि वह कहना के आस-पास अपनी पेट्रोलिंग को और बढ़ाएं. पत्र में लिखा गया है कि इस इलाके में नक्सलियों का विस्तार दलम धीरे-धीरे सक्रिय हो रहा है और बेसकैंप बनाने की तैयारी में है, लिहाजा मध्य प्रदेश पुलिस और कान्हा अथॉरिटीज को इन घने जंगलों में पेट्रोलिंग बढ़ाने की आवश्यकता है. माना जा रहा है कि अगर विस्तार दलम यहां बेसकैंप तैयार करने में सफल हो गया तो मध्य प्रदेश पुलिस की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं.
नवंबर में भी एक महिला नक्सली को किया गया था ढेर
मध्य प्रदेश बालाघाट पुलिस ने 7 नवंबर को भी एक महिला नक्सली को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. पुलिस को सूचना मिली थी कि 25 से 30 नक्सली मालखेड़ी गांव में सामान लेने पहुंच रहे हैं. सूचना के बाद पुलिस की दो अलग-अलग टीमों ने मालखेड़ी गांव को चारों तरफ से घेर लिया. पहले पुलिस ने नक्सलियों को सरेंडर करने को कहा लेकिन, नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की और एक महिला नक्सली को मार गिराया. हालांकि बाकी के नक्सली वहां से भागने में सफल हो गए. बताया जा रहा है कि यह सभी नक्सली खटिया मोचा दलम के थे. यह भी बताया जा रहा है कि जिन दो महिला नक्सलियों को हाल ही में पुलिस ने मारा है, वह भी इसी दल की सदस्य थी.
नक्सलियों ने क्यों चुना कान्हा टाइगर रिजर्व
सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के विस्तार दलम ने कान्हा नेशनल पार्क के कोर और बफर एरिया को बेस कैंप बनाने के लिए इसलिए चुना, क्योंकि इस एरिया में काफी घना जंगल है और आम लोगों की आवाजाही नहीं रहती है. इसके अलावा यहां पहाड़ी इलाका होने की वजह से मोबाइल टावर या नेटवर्क भी नहीं है. वहीं इस एरिया में बाघ और जंगली जानवरों का भ्रमण भी रहता है. ऐसी स्थिति में अगर पुलिस इस एरिया में नक्सलियों के ग्रुप को घेर ले तो भी फायरिंग नहीं कर सकती, क्योंकि फायरिंग में जंगली जानवरों के मरने की भी आशंका बनी रहती है. सूत्रों की माने तो इन्हीं सुविधाओं को देखते हुए विस्तार दलम ने कान्हा नेशनल पार्क के कोर और बफर जोन को बेसकैंप बनाने की कवायद शुरू की है.
पी एल 2 और पी एल 3, ग्रुप है कान्हा के आस-पास सक्रिय
नक्सलियों के अलग-अलग ग्रुप होते हैं, पीएल 2 ग्रुप में 10 से 12 नक्सली होते हैं, वहीं पीएल 3 ग्रुप में भी 10 से 12 नक्सली होते हैं. वर्तमान में पीएल 2 और 3 ग्रुप कान्हा नेशनल पार्क और बफर जोन के आस-पास सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, जिसमें महिला और पुरुष दोनों ही शामिल हैं. छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस ने नक्सलियों को लेकर सख्ती बरती है, जिसके चलते बस्तर के नक्सली मध्य प्रदेश के बालाघाट में पलायन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पीएल 2 और पीएल 3 ग्रुप के 90 फीसदी नक्सली बस्तर के ही हैं. शेष बचे 10 फीसदी नक्सली छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के हैं. इस ग्रुप में मध्य प्रदेश का कोई भी स्थानीय निवासी शामिल नहीं है. कान्हा नेशनल पार्क के आस-पास सक्रिय नक्सली ग्रुप को लेकर पुलिस भी मुस्तैद हो गई है और लगातार इन इलाकों में पेट्रोलिंग की जा रही है. शायद इसी का नतीजा है कि पिछले एक माह में पुलिस ने तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया है.