बालाघाट। बालाघाट जिला स्थित मैग्नीज माइंस मुख्यालय से महज 5 किमी दूर भरवेली ग्राम मे संचालित है. यह एशिया में सबसे बड़ी मैग्नीज उत्पादन माइंस है. आरोप है कि यहां मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां एक मजदूर बेलमेन का कार्य कर रहा है तो वहीं एक मजदूर दोनों हाथों में बारूद खोली से बारूद लाता दिखाई दे रहा है. जबकि ऐसे कार्य एक कुशल श्रमिक के द्वारा ही किया जाता है. बता दें कि बेलमेन कार्य यानी कि यह उस मशीन को ऑपरेट कर रहा है, जो माइंस में कार्यरत मजदूरों को अंडरग्राउंड ले जाने और लाने का कार्य करती है, जिसे घंटी के इशारे से ऑपरेट किया जाता है, जो काफी जोखिम भरा कार्य है.
बारूद वाले काम के लिए कुशल श्रमिक जरूरी : इसके अलावा बारूद के लिए कुशल श्रमिक का वीटी व मेडिकल होना अतिआवश्यक है. वही व्यक्ति इस कार्य को कर सकता है. दरअसल बारूद का उपयोग अंडरग्राउंड में ब्लास्टिंग के लिए होता है, जोकि काफी अहम कार्य है. बावजूद इसके बिना वीटी मेडिकल और बिना अनुभव प्रमाण पत्र के निजी कंपनियों के द्वारा यह कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है, जोकि माइन मैनेजमेंट की एक बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. ऐसे ही मामले की वीडियो मजदूरों ने शेयर किया है. सोशल मीडिया में इस वायरल वीडियो के बाद अब माइन मैनेजमेंट पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
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प्रबंधन ने आरोपों को नकारा : प्रबंधन की लापरवाही बताकर ठेका श्रमिक संगठन इसका विरोध कर रहा है. उन्होंने माइन मैनेजर नीलेश खेडेकर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अपने स्वार्थ के चलते निजी कंपनियों से साठगांठ कर मजदूरों से बिना वीटी, मेडिकल के और कम वेतन मे कार्य कराया जा रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है. ठेका मजदूर संगठन के महामंत्री दारा सिंह बागड़े का कहना है कि मैनेजर हमारी बातों को सुनता ही नहीं. वहीं माइंस के जूनियर मैनेजर दिनेश कुमार गेडाम का कहना है ऐसा कोई मामला नहीं. यहां प्रशिक्षित लोगों से ही बारूद वाला काम कराया जाता है.