बालाघाट। जिले में निवासरत बैगा आदिवासियों की संस्कृति, परम्परागत लोकनृत्य, वाद्ययंत्रों तथा खेलों से आमजनों को परिचित कराने पिछले 5 सालों से बैगा ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन का शुभारंभ मध्यप्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष हिना कावरे और विधायक संजय उईके ने बैगा परंपराओं के अनुसार विधिवत पूजा करने के बाद मशाल जलाकर की.
बैहर खेल परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम 4 से 6 जनवरी तक चलेगा. इस ओलम्पिक में प्रदेश के बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के बैगा आदिवासी शामिल होंगे. कार्यक्रम के पहले दिन बैगा नृत्य की शानदार प्रस्तुति के बाद खेलों की शुरुआत हुई.
हिना कावरे ने बताया कि बैगा आदिवासियों को जीवन की मुख्यधारा से जोड़ने का यह छोटा सा प्रयास है. बालाघाट जिले तक सीमित बैगा ओलम्पिक को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए हम प्रयासरत हैं. हमारा प्रयास रहेगा कि इस क्षेत्र के प्रतिभावन बच्चे एशियाड और ओलम्पिक में जाकर गोल्ड मेल जीतें. बैगा आदिवासी जो कुछ साल पहले तक जंगल से बाहर नहीं निकलते थे, हिंदी में बात नहीं करते थे, इस आयोजन के माध्यम से मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं
विधानसभा उपाध्यक्ष ने खिलाड़ियों को शपथ दिलाई कि बैगा आलंपिक की इस प्रतियोगिताओं में पूर्ण रूप से अनुशासित रहते हुए और नियमों का पालन करते हुए खेल भावना के साथ अपना उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन करेंगे. बैगा आलंपिक की त्रिटंगी दौड और मटका दौड़ का शुभारंभ अतिथियों द्वारा झंडी दिखाकर किया गया. त्रिटंगी दौड में सिवनी जिले ने प्रथम, कबीरधाम जिले ने द्वितीय और शहडोल जिले ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.
बैगा आलंपिक के शुभारंभ कार्यक्रम में बालाघाट और डिंडोरी जिले के बैगा कलाकारों ने बैगा नृत्य के साथ अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में विधायक संजय उईके, जनपद पंचायत बैहर अध्यक्ष भगवंती सैयाम, जनपद पंचायत बिरसा अध्यक्ष सविता धुर्वे सहित कई लोग उपस्थित थे.