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बड़ी संख्या में सागौन काट ले गए माफिया, 100 मीटर दूर वन चौकी को नहीं लगी भनक

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Published : Jun 15, 2020, 3:20 PM IST

बालाघाट जिले में लालबर्रा परियोजना परिक्षेत्र में बड़ी मात्रा में सागौन की अवैध कटाई की गई है, बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं.

illegal sagwan harvesting
सागौन के ठूंठ

बालाघाट। जिले के लामता वन विकास निगम के लालबर्रा परियोजना परिक्षेत्र में बड़ी मात्रा में सागौन की अवैध कटाई का मामला सामने आया है. हाल ही में लालबर्रा क्षेत्र में पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई लकड़ी माफिया द्वारा की गई है. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही वुड माफिया पर कोई कार्रवाई कर रहे हैं. जिसके कारण उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. विडम्बना ये है कि जिस स्थान पर सागौन के पेड़ों की कटाई हुई है, वो स्थान वन चौकी से महज सौ मीटर की दूरी पर है.

लालबर्रा रेंज के सेलवा, बगदई, सालेबर्री बीट के अंतर्गत दर्जनों की संख्या में सागौन के पेड़ काटे गए हैं, जहां पेड़ काटे गए, वहां पेड़ों के ठूठ अब भी साक्ष्य बनकर खड़े हैं, बावजूद इसके लालबर्रा रेंज के बीट अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कार्रवाई नहीं होने से वन माफिया के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं. बहरहाल जो भी हो, लेकिन कहीं न कहीं इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह होना लाजिमी है.

इतनी बड़ी मात्रा में बिना अधिकारियों की सांठ-गाठ के अवैध कारोबार होना संभव नहीं है. इस मामले में एसडीओ एमएस श्रीवास्तव ने स्टाफ की कमी का रोना रोते हुए बताया कि प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही है.

बालाघाट। जिले के लामता वन विकास निगम के लालबर्रा परियोजना परिक्षेत्र में बड़ी मात्रा में सागौन की अवैध कटाई का मामला सामने आया है. हाल ही में लालबर्रा क्षेत्र में पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई लकड़ी माफिया द्वारा की गई है. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही वुड माफिया पर कोई कार्रवाई कर रहे हैं. जिसके कारण उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. विडम्बना ये है कि जिस स्थान पर सागौन के पेड़ों की कटाई हुई है, वो स्थान वन चौकी से महज सौ मीटर की दूरी पर है.

लालबर्रा रेंज के सेलवा, बगदई, सालेबर्री बीट के अंतर्गत दर्जनों की संख्या में सागौन के पेड़ काटे गए हैं, जहां पेड़ काटे गए, वहां पेड़ों के ठूठ अब भी साक्ष्य बनकर खड़े हैं, बावजूद इसके लालबर्रा रेंज के बीट अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कार्रवाई नहीं होने से वन माफिया के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं. बहरहाल जो भी हो, लेकिन कहीं न कहीं इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह होना लाजिमी है.

इतनी बड़ी मात्रा में बिना अधिकारियों की सांठ-गाठ के अवैध कारोबार होना संभव नहीं है. इस मामले में एसडीओ एमएस श्रीवास्तव ने स्टाफ की कमी का रोना रोते हुए बताया कि प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही है.

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