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MP High Court : पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन की आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई टली - पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के मामले में सुनवाई टली

पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक किशोर समरिते ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई टल गई. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है. (disproportionate assets of former minister) (Gauri Shankar Bisen case Hearing adjourned)

Hearing in disproportionate assets case of former minister Gauri Shankar Bisen
पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई टली
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Published : Aug 2, 2022, 6:46 PM IST

जबलपुर। बालाघाट जिले के लांजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से दायर याचिका में आरोप है कि प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के पास वर्ष 1994 में कोई खास संपत्ति नहीं थी, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी संपत्तियों में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई.

इतनी संपत्ति कैसे बढ़ गई : याचिका में कहा गया है कि अब कई बेशकीमती संपत्तियां उनके व उनके परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर हैं. याचिकाकर्ता का दावा है कि सामान्य रूप से किसी व्यक्ति की संपत्ति में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती, लेकिन बिसेन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए संपत्तियां हासिल की हैं.

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हाईकोर्ट ने दिए थे लोकायुक्त जांच के आदेश : याचिका की सुनवाई करते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री बिसेन के खिलाफ लोकायुक्त जांच के आदेश दिये थे. इसके खिलाफ पूर्व मंत्री बिसेन ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को पुन: मामले की सुनवाई के लिए निर्देशित किया था. याचिका की सुनवाई के दौरान मंत्री बिसेन द्वारा पेश किए गए जवाब में परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को गलत बताया था. अपने दावे के समर्थन में बिसेन ने सभी के इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी भी न्यायालय में प्रस्तुत की थी. (disproportionate assets of former minister) (Gauri Shankar Bisen case Hearing adjourned)

जबलपुर। बालाघाट जिले के लांजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से दायर याचिका में आरोप है कि प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के पास वर्ष 1994 में कोई खास संपत्ति नहीं थी, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी संपत्तियों में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई.

इतनी संपत्ति कैसे बढ़ गई : याचिका में कहा गया है कि अब कई बेशकीमती संपत्तियां उनके व उनके परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर हैं. याचिकाकर्ता का दावा है कि सामान्य रूप से किसी व्यक्ति की संपत्ति में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती, लेकिन बिसेन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए संपत्तियां हासिल की हैं.

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हाईकोर्ट ने दिए थे लोकायुक्त जांच के आदेश : याचिका की सुनवाई करते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री बिसेन के खिलाफ लोकायुक्त जांच के आदेश दिये थे. इसके खिलाफ पूर्व मंत्री बिसेन ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को पुन: मामले की सुनवाई के लिए निर्देशित किया था. याचिका की सुनवाई के दौरान मंत्री बिसेन द्वारा पेश किए गए जवाब में परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को गलत बताया था. अपने दावे के समर्थन में बिसेन ने सभी के इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी भी न्यायालय में प्रस्तुत की थी. (disproportionate assets of former minister) (Gauri Shankar Bisen case Hearing adjourned)

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