जबलपुर। बालाघाट जिले के लांजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से दायर याचिका में आरोप है कि प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के पास वर्ष 1994 में कोई खास संपत्ति नहीं थी, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी संपत्तियों में लगातार बढ़ोत्तरी होती गई.
इतनी संपत्ति कैसे बढ़ गई : याचिका में कहा गया है कि अब कई बेशकीमती संपत्तियां उनके व उनके परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर हैं. याचिकाकर्ता का दावा है कि सामान्य रूप से किसी व्यक्ति की संपत्ति में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती, लेकिन बिसेन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए संपत्तियां हासिल की हैं.
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हाईकोर्ट ने दिए थे लोकायुक्त जांच के आदेश : याचिका की सुनवाई करते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री बिसेन के खिलाफ लोकायुक्त जांच के आदेश दिये थे. इसके खिलाफ पूर्व मंत्री बिसेन ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को पुन: मामले की सुनवाई के लिए निर्देशित किया था. याचिका की सुनवाई के दौरान मंत्री बिसेन द्वारा पेश किए गए जवाब में परिवार के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को गलत बताया था. अपने दावे के समर्थन में बिसेन ने सभी के इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी भी न्यायालय में प्रस्तुत की थी. (disproportionate assets of former minister) (Gauri Shankar Bisen case Hearing adjourned)