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पूर्व मंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा, वैनगंगा नदी में बाढ़ आने से बनी जलभराव की स्थिति

भीमगढ़ बांध के सभी 10 गेट खोल दिए गए हैं और उनसे निरंतर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके कारण वैनगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नदी के तटीय ग्रामों में बाढ़ के पानी से जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ है.

Former minister visits flood affected villages
पूर्व मंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा
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Published : Aug 29, 2020, 9:53 PM IST

बालाघाट। जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद भीमगढ़ बांध से 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है. भीमगढ़ बांध के सभी 10 गेट खोल दिए गए हैं और उनसे निरंतर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके कारण वैनगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नदी के तटीय ग्रामों में बाढ़ के पानी से जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ है. वारासिवनी के ग्राम घोटी व लावणी में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. सैकड़ों मकानों में बांध द्वारा छोड़े गया पानी भर गया है. जिसके कारण कई मकान धराशाही हो गये हैं. इस बीच होमगार्ड की 15 सदस्य की टीम रेस्क्यू करके बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल रहे हैं.

पूर्व मंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा

गौरतलब है कि वारासिवनी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने खैरलांजी के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ग्राम घोटी, लावणी व शिवनघाट में पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा कर बाढ़ की वजह से नुकसान का भी जायजा लिया. विधायक प्रदीप जायसवाल ने ग्रामीणों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.

Former minister arrived to visit villages
गांवों का दौरा करने पहुंचे पूर्व मंत्री

बाढ़ वाले क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल नांव में सवार होकर घोटी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. घोटी ग्राम के दो टोले ढीमरटोला एवं पथनटोला का निगम अध्यक्ष जायसवाल ने जायजा लिया. वहीं बाढ़ में फंसे लोगों को जल्द सुरक्षित जगह पर पहुंचकर उनके व्यवस्था करने का निर्देश अधिकारियों को निर्देश दिया है.

Visited the area by sitting in a boat
नाव में बैठकर किया इलाके का दौरा

ग्रामीणों का रेस्क्यू

भीमगढ़ बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी 5 फीट पानी है लेकिन रात तक 10 फीट तक होता है. जिसके कारण एसडी एम ने तटीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को गांव को खाली करने के आदेश दिये हैं. इसके साथ ही एसडीआरएफ की 15 टीम होमगार्ड एवं पुलिस बल के द्वारा रेस्क्यू करके ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है.

Water entered in homes
घरों में घुसा पानी

बालाघाट। जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद भीमगढ़ बांध से 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है. भीमगढ़ बांध के सभी 10 गेट खोल दिए गए हैं और उनसे निरंतर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके कारण वैनगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. नदी के तटीय ग्रामों में बाढ़ के पानी से जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ है. वारासिवनी के ग्राम घोटी व लावणी में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. सैकड़ों मकानों में बांध द्वारा छोड़े गया पानी भर गया है. जिसके कारण कई मकान धराशाही हो गये हैं. इस बीच होमगार्ड की 15 सदस्य की टीम रेस्क्यू करके बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल रहे हैं.

पूर्व मंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा

गौरतलब है कि वारासिवनी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने खैरलांजी के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ग्राम घोटी, लावणी व शिवनघाट में पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा कर बाढ़ की वजह से नुकसान का भी जायजा लिया. विधायक प्रदीप जायसवाल ने ग्रामीणों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.

Former minister arrived to visit villages
गांवों का दौरा करने पहुंचे पूर्व मंत्री

बाढ़ वाले क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल नांव में सवार होकर घोटी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. घोटी ग्राम के दो टोले ढीमरटोला एवं पथनटोला का निगम अध्यक्ष जायसवाल ने जायजा लिया. वहीं बाढ़ में फंसे लोगों को जल्द सुरक्षित जगह पर पहुंचकर उनके व्यवस्था करने का निर्देश अधिकारियों को निर्देश दिया है.

Visited the area by sitting in a boat
नाव में बैठकर किया इलाके का दौरा

ग्रामीणों का रेस्क्यू

भीमगढ़ बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी 5 फीट पानी है लेकिन रात तक 10 फीट तक होता है. जिसके कारण एसडी एम ने तटीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को गांव को खाली करने के आदेश दिये हैं. इसके साथ ही एसडीआरएफ की 15 टीम होमगार्ड एवं पुलिस बल के द्वारा रेस्क्यू करके ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है.

Water entered in homes
घरों में घुसा पानी
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