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कोरोना संकट में अनूठी पहल, बड़े भाई का श्राद्ध कार्यक्रम ना कर खाद्यान्न बैंक में किया अन्नदान - बालाघाट के शरद ठाकुर

कोरोना संकट के दौरान बालाघाट के शरद ठाकुर ने अपने बड़े भाई के श्राद्ध के मौके पर गरीबों, असहायों के लिए प्रशासन द्वारा बनाए गए खाद्यान बैंक में अन्न का दान किया है, जिसकी सराहना जिला कलेक्टर से लेकर परिजन और पड़ोसी भी कर रहे हैं.

Unique initiative in Corona crisis
कोरोना संकट में अनूठी पहल
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Published : May 28, 2020, 11:40 PM IST

बालाघाट। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान गरीबों और असहायों की मदद के लिए स्वप्रेरणा से कई लोग आगे आ रहे हैं और प्रशासन को अलग-अलग तरीकों से मदद कर रहे हैं. जिले में ऐसे ही एक दानदाता है शरद सिंह ठाकुर, जिन्होंने अपने बड़े भाई की तेरहवीं का कार्यक्रम ना कर जिला प्रशासन द्वारा गरीबों को मदद के लिए बनाए गए खाद्यान्न बैंक में खाद्य सामग्री का दान कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है.

कोरोना संकट में बालाघाट के शरद ठाकुर ने अनूठी पहल की है

बड़े भाई के श्राद्ध पर खाद्यान बैंक में दिया दान

बालाघाट की दीनदयाल पुरम कॉलोनी में रहने वाले शरद ठाकुर के बड़े भाई स्वर्गीय गोविंद सिंह ठाकुर का निधन 5 मई को हो गया था. शरद ने कोरोना संकट को देखते हुए अंतिम संस्कार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नियमानुसार एक दर्जन लोगों को शामिल करते हुए अंतिम संस्कार किया.

लॉकडाउन के कारण इनके संबंधी भाई की तेरहवीं के कार्यक्रम में इनके यहां नहीं आ सकते थे और लॉकडाउन में भीड़ एकत्र नहीं करने के नियम का पालन भी करना था, इसलिए उन्होंने अपने अपने बडे भाई की स्मृति में जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए खाद्यान्न बैंक में गरीबों, पीड़ितों और असहायों की मदद के लिए खाद्य सामग्री का दान किया है.

उन्होंने खाद्यान्न बैंक में 10 किलो चावल, 10 किलो दाल, 5 किलो आटा और 10 लीटर तेल दान में दिया है. शरद सिंह ने खाद्यान्न बैंक में अनाज दान करने के पहले भी कोरोना संकट के दौरान जरूरतमंदों की मदद की है, जो सच में अनुकरणीय पहल है.

पत्नी आभा ठाकुर ने की सराहना

शरद ठाकुर कहते हैं कि मेरे द्वारा दिया गया दान इस महामारी के दौर में गरीब और जरूरतमंदों तक पहुंच गया है, जिससे मृत आत्मा को शांति मिलेगी. लॉकडाउन के कारण श्राद्ध कार्यक्रम में रिश्तेदार भी शामिल नहीं हो सकते थे. इस कारण मैंने खाद्यान्न बैंक में दान करने का फैसला किया.

शरद ठाकुर ने लोगों से भी आग्रह किया कि वे तेरहवीं के कार्यक्रम में ना आए, हम इसे नहीं कर रहे हैं. शरद की पत्नी आभा ठाकुर ने कहा कि मेरे पति द्वारा दिया गया दान जरूरतमंद तक पहुंच गया है, इस बात की बहुत खुशी है.

बेटे दिव्यांश ठाकुर अपने पिता के कार्य पर हैं गौरवान्वित

शरद सिंह ठाकुर के बेटे दिव्यांश ठाकुर ने कहा कि मेरे पापा ने तेरहवीं का कार्यक्रम ना करके खाद्यान्न बैंक में दान करना उचित समझा, जो मेरे लिए एक प्रेरणा से कम नहीं है. आने वाली पीढ़ी को भी ऐसा ही करना चाहिए. जब भी देश में कोई आपदा या महामारी आए, सभी को आगे आना चाहिए.

दिव्यांश ने कहा कि गरीबों के लिए खाद्यान्न बैंक में मेरे पापा ने जो दान दिया है, इससे मैं गौरवान्वित हूं. मैं अपने साथ के दोस्तों से भी चाहूंगा कि वे अपने देश के लिए और जरूरतमंदों के लिए आगे आकर दान करें. इसके अलावा डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी सभी की मदद करें.

कलेक्टर और पड़ोसियों ने भी सराहा

शरद ठाकुर ने खाद्य बैंक में जो दान दिया है, उसे सहायक कलेक्टर अक्षय तेम्रवाल ने भी काफी सराहा. साथ ही इस कार्य को शरद ठाकुर के परिवार के साथ-साथ पड़ोसी भी इसे सराहनीय कार्य बता रहे हैं और कहते हैं इस तरह के कार्य के लिए सबको आगे आना चाहिए.

बालाघाट। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान गरीबों और असहायों की मदद के लिए स्वप्रेरणा से कई लोग आगे आ रहे हैं और प्रशासन को अलग-अलग तरीकों से मदद कर रहे हैं. जिले में ऐसे ही एक दानदाता है शरद सिंह ठाकुर, जिन्होंने अपने बड़े भाई की तेरहवीं का कार्यक्रम ना कर जिला प्रशासन द्वारा गरीबों को मदद के लिए बनाए गए खाद्यान्न बैंक में खाद्य सामग्री का दान कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है.

कोरोना संकट में बालाघाट के शरद ठाकुर ने अनूठी पहल की है

बड़े भाई के श्राद्ध पर खाद्यान बैंक में दिया दान

बालाघाट की दीनदयाल पुरम कॉलोनी में रहने वाले शरद ठाकुर के बड़े भाई स्वर्गीय गोविंद सिंह ठाकुर का निधन 5 मई को हो गया था. शरद ने कोरोना संकट को देखते हुए अंतिम संस्कार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नियमानुसार एक दर्जन लोगों को शामिल करते हुए अंतिम संस्कार किया.

लॉकडाउन के कारण इनके संबंधी भाई की तेरहवीं के कार्यक्रम में इनके यहां नहीं आ सकते थे और लॉकडाउन में भीड़ एकत्र नहीं करने के नियम का पालन भी करना था, इसलिए उन्होंने अपने अपने बडे भाई की स्मृति में जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए खाद्यान्न बैंक में गरीबों, पीड़ितों और असहायों की मदद के लिए खाद्य सामग्री का दान किया है.

उन्होंने खाद्यान्न बैंक में 10 किलो चावल, 10 किलो दाल, 5 किलो आटा और 10 लीटर तेल दान में दिया है. शरद सिंह ने खाद्यान्न बैंक में अनाज दान करने के पहले भी कोरोना संकट के दौरान जरूरतमंदों की मदद की है, जो सच में अनुकरणीय पहल है.

पत्नी आभा ठाकुर ने की सराहना

शरद ठाकुर कहते हैं कि मेरे द्वारा दिया गया दान इस महामारी के दौर में गरीब और जरूरतमंदों तक पहुंच गया है, जिससे मृत आत्मा को शांति मिलेगी. लॉकडाउन के कारण श्राद्ध कार्यक्रम में रिश्तेदार भी शामिल नहीं हो सकते थे. इस कारण मैंने खाद्यान्न बैंक में दान करने का फैसला किया.

शरद ठाकुर ने लोगों से भी आग्रह किया कि वे तेरहवीं के कार्यक्रम में ना आए, हम इसे नहीं कर रहे हैं. शरद की पत्नी आभा ठाकुर ने कहा कि मेरे पति द्वारा दिया गया दान जरूरतमंद तक पहुंच गया है, इस बात की बहुत खुशी है.

बेटे दिव्यांश ठाकुर अपने पिता के कार्य पर हैं गौरवान्वित

शरद सिंह ठाकुर के बेटे दिव्यांश ठाकुर ने कहा कि मेरे पापा ने तेरहवीं का कार्यक्रम ना करके खाद्यान्न बैंक में दान करना उचित समझा, जो मेरे लिए एक प्रेरणा से कम नहीं है. आने वाली पीढ़ी को भी ऐसा ही करना चाहिए. जब भी देश में कोई आपदा या महामारी आए, सभी को आगे आना चाहिए.

दिव्यांश ने कहा कि गरीबों के लिए खाद्यान्न बैंक में मेरे पापा ने जो दान दिया है, इससे मैं गौरवान्वित हूं. मैं अपने साथ के दोस्तों से भी चाहूंगा कि वे अपने देश के लिए और जरूरतमंदों के लिए आगे आकर दान करें. इसके अलावा डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी सभी की मदद करें.

कलेक्टर और पड़ोसियों ने भी सराहा

शरद ठाकुर ने खाद्य बैंक में जो दान दिया है, उसे सहायक कलेक्टर अक्षय तेम्रवाल ने भी काफी सराहा. साथ ही इस कार्य को शरद ठाकुर के परिवार के साथ-साथ पड़ोसी भी इसे सराहनीय कार्य बता रहे हैं और कहते हैं इस तरह के कार्य के लिए सबको आगे आना चाहिए.

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