बालाघाट। मुख्यमंत्री कमलनाथ की नेतृत्व वाली राज्य सरकार किसान कर्ज माफी की बात कर रही है. तो वहीं मध्यप्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जहां किसान आज भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है. एक ऐसा ही मामला जिले के परसवाड़ा के रहने वाले एक किसान के साथ घटा है. जहां प्रशासन की उदासीनता के चलते किसान कर्जमाफी को लेकर आज भी उलझा हुआ है. डोंगरिया गांव में रहने वाले किसान महेश कुमार पर 18 हजार रुपये से ज्यादा का कर्ज था. जब अपना धान बेचने गए तो धान खरीद केन्द्र पर उनकी 18 हजार से ज्यादा की रशीद काट ली गई.
किसान महेश कुमार ने अप्रैल 2019 में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति परसवाड़ा से 18 हजार 616 रूपये का कर्ज लिया था. जिसे 2019 को सोसायटी में जमा कर रसीद प्राप्त कर ली. इसके साथ ही किसान ने संबंधित कार्यालय से नो ड्यूस की रशीद भी ले ली. लेकिन जब किसान समर्थन मूल्य पर धान खरीद केन्द्र पर धान बेचने गया तो उसकी 18 हजार 616 रुपये की राशि दोबारा काट ली गई. जब किसान को पावती मिली तो वह चकरा गया.
जिसके बाद किसान ने बैंक कर्मचारियों को मामले से अवगत कराया. लेकिन कोई भी उसे उसकी रकम वापस देने का वादा नहीं कर पाया. किसान महेश कुमार इस समय कभी सोसायटी तो कभी बैंक के चक्कर लगा रहा है लेकिन उसकी कोई भी सुनने वाला नहीं है. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रभारी प्रबंधक सीपी पटले ने बताया कि किसान का कर्ज भूलवश दोबारा कट चुका है लेकिन उसका समाधान समिति स्तर पर निकाल लिया जाएगा.