बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में नवरात्रि में चंदे की राशि नहीं दिए जाने पर गांव के 14 आदिवासी परिवारों को बहिष्कृत किये जाने का मामला सामने आया है. ये पूरा मामला लामता थाना क्षेत्र के मोते गांव का है. जिसकी शिकायत पीड़ितों ने बालाघाट मुख्यालय में पहुंचकर पुलिस अधीक्षक से की है.
पीड़ितों की माने तो नवरात्रि पर्व के दौरान गांव के दंबगों द्वारा उनके मन मुताबिक चंदा मांगा गया था, लेकिन उन लोगों के द्वारा चंदे की राशि जमा नहीं किये जाने पर गांव से उन लोगों का बहिष्कार कर दिया गया है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते उनका काम बंद है. और मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. ऐसे में गांव के कुछ दंबग लोगों के द्वारा आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय किया जा रहा है.
गांव के दबंगों से परेशान होकर अब पीड़ित परिवार ने बालाघाट मुख्यालय में पहुंचकर पूरे मामले से शिकायत पुलिस के आला अधिकारी से की है. इसके साथ ही पीड़ितों ने न्याय की गुहार लगाई है. वहीं इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना है कि थाना प्रभारी से चर्चा की गई है, और जल्द ही मामले की जांच कराई जाएगी.