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बस ड्राइवर की लापरवाही से उफनते नाले में फंसी कई जिंदगियां, देखें वीडियो - टाडा नदी के पुल पर

बालाघाट में उफनते नदी को पार करने के चक्कर में एक यात्री बस नदी के बीचों-बीच फंस गई. जिसे जेसीबी की सहायता से बाहर निकाला गया.

उफनते नाले के बीच फंसी बस
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Published : Sep 16, 2019, 11:50 AM IST

बालाघाट। शहर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नदी नालों को पार कर रहे हैं. ऐसी एक और घटना सामने आई है जहां टाडा नदी के पुल पर एक बस ड्राइवर ने यात्रियों की जान की परवाह न करते हुए सवारियों से भरी बस से उफनते रपटे को पार करने की कोशिश की. पानी ज्यादा होने के कारण बस बीच रास्ते में बस बन्द हो गई, इसी बीच बस नदी के तेज बहाव में बहने ही वाली थी कि एक जेसीबी की सहायता से बस को नदी के तेज बहाव से बाहर निकाला गया. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

उफनते नाले के बीच फंसी बस


जानकारी के मुताबिक लांजी साले टेकरी रोड पर मछुरदा गांव के रपटा पुल से गुजरने वाली बस के ड्राइवर ने यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया. इस मार्ग पर चलने वाली बसों के ड्राइवर यात्रियों के साथ इतना बड़ा जोखिम लेते हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्र होने से टांडा नदी पर बना यह रपटा पुल थोड़ी सी बारिश होने पर पुल के ऊपर से पानी बहने लगता है पर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश सहित बालाघाट जिले में भारी बारिश के चलते सभी नदी नाले उफान पर है.


हालांकि बस का यह बड़ा हादसा होते-होते बचा लेकिन इससे वहां के लोगों ने सीख नहीं ली है. बावजूद इसके लोग उफनते नदी को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. यहां तक कि गांव वाले चार या पांच लोगों की सहायता से कंधे पर दो पहिया वाहनों को भी पार करते दिखे.

बालाघाट। शहर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नदी नालों को पार कर रहे हैं. ऐसी एक और घटना सामने आई है जहां टाडा नदी के पुल पर एक बस ड्राइवर ने यात्रियों की जान की परवाह न करते हुए सवारियों से भरी बस से उफनते रपटे को पार करने की कोशिश की. पानी ज्यादा होने के कारण बस बीच रास्ते में बस बन्द हो गई, इसी बीच बस नदी के तेज बहाव में बहने ही वाली थी कि एक जेसीबी की सहायता से बस को नदी के तेज बहाव से बाहर निकाला गया. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

उफनते नाले के बीच फंसी बस


जानकारी के मुताबिक लांजी साले टेकरी रोड पर मछुरदा गांव के रपटा पुल से गुजरने वाली बस के ड्राइवर ने यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया. इस मार्ग पर चलने वाली बसों के ड्राइवर यात्रियों के साथ इतना बड़ा जोखिम लेते हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्र होने से टांडा नदी पर बना यह रपटा पुल थोड़ी सी बारिश होने पर पुल के ऊपर से पानी बहने लगता है पर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश सहित बालाघाट जिले में भारी बारिश के चलते सभी नदी नाले उफान पर है.


हालांकि बस का यह बड़ा हादसा होते-होते बचा लेकिन इससे वहां के लोगों ने सीख नहीं ली है. बावजूद इसके लोग उफनते नदी को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. यहां तक कि गांव वाले चार या पांच लोगों की सहायता से कंधे पर दो पहिया वाहनों को भी पार करते दिखे.

Intro:बालाघाट।  जिले में लगातार  भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर है ... जहां चारो तरफ पानी से हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नदी को पार कर रहे है...हद तो तब हो गई जब एक बस ड्राइवर ने यात्रियों की जान की परवाह न करते हुए सवारियों से भरे बस को उफनते टाडा नदी के रपटे को पार करने लगा ...रपटे पर पानी ज्यादा होने के कारण बीच रास्ते मे बस बन्द हो गई ...बस बन्द होने के कारण बस नदी के तेज बहाव में बहने ही वाली थी कि एक जे सी बी की सहायता से बस को नदी के तेज बहाव से बाहर निकाला गया...नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।Body:जिले हो रही लगातार बारिश के कारण टाडा नदी उफान पर है... लांजी साले टेकरी रोड पर मछुरदा गांव के रपटा पुल से गुजरने वाली बस ड्राइवर यात्रियों के जन के साथ खिलवाड़ कर रहे है।इस मार्ग पर चलने वाली बसों के ड्राइवर यात्रियों के साथ इतना बड़ा जोखिम लेते है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्र होने से टांडा नदी पर बना यह रपटा पुल थोड़ी सी बारिश होने पर पुल के ऊपर से पानी बहने लगता है पर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश सहित बालाघाट जिले में भारी बारिश के चलते सभी नदी नाले उफान पर है।लांजी से मोहगांव जाने वाली एस कुमार की बस मछुरदा स्थित टांडा नदी पर बने रपटा पुल पर ज्यादा पानी होने के बाद भी ड्राइवर ने बस को पार करने की कोशिश करने लगा कि बीच धार में बस फंस गई...और लोगो जान सांसत में आ गयी...जब बस नदी के तेज बहाव में बहने लगी लेकिन आस पास के लोगो द्वारा एक जेसीबी को बुलाकर बस को जेसीबी की मदद से निकाला गया,सही समय पर जेसीबी मिलने से बस को निकाल लिया गया नही तो थोड़ी से देर होने पर बड़ी घटना हो सकती थी।


Conclusion:आपको बता दूं कि बस का यह हादसा होते होते बचा लेकिन इससे वहां के लोगों ने सिंख नही ली...देखा गया कि लोग इस उफनते नदी को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे है। यहाँ तक देखा गया कि कि चार या पांच लोगों की सहायता से कंधे पर बिठाकर आम ग्रामीण सहित दो पहिया वाहनों को भी पार करते दिखे।


श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट



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