बालाघाट। शहीद भगत सिंह जिला चिकित्सालय बालाघाट में लांजी की एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है. अस्पताल के स्टाफ ने महिला का सामान्य प्रसव कराया है और तीनों बच्चे एवं जन्म देने वाली माता स्वस्थ है. सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ संजय धबड़गाव ने बताया कि, रात्रि 9.45 बजे शहीद भगत सिंह जिला चिकित्सालय बालाघाट में एक साथ तीन बच्चों का जन्म हुआ है.
एक साथ तीन बालिकाएं जन्मीं: बालाघाट में वार्ड नंबर 11 लांजी की रहने वाले प्रसूता निलेश्वरी नाकतोड़े को प्रसव कराने के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया था. जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने इस महिला का सामान्य प्रसव कराया है. जिला चिकित्सालय बालाघाट के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि, ऐसे जटिल प्रकरण में सिजेरियन आपरेशन न कर वहां के स्टाफ ने सामान्य प्रसव कराया है. डॉ धबड़गाव ने बताया कि, एक साथ जन्में तीन बच्चों में तीनों बालिकायें हैं.
सतना ट्रेन में महिला यात्री ने दिया नवजात शिशु को जन्म, मां और बच्ची दोनों सकुशल
बिना सिजेरियन किया गया प्रसव: तीनों नवजात बच्चियों में से प्रथम बच्चे का वजन 2 किलोग्राम, दूसरे बच्चे का वजन 1.5 किलोग्राम एवं तीसरे बच्चे का वजन 1.3 किलोग्राम है. तीनों बच्चे एवं प्रसूता पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं. इस प्रसव को कराने में मुख्य रूप से जिला चिकित्सालय बालाघाट की नर्सिंग ऑफिसर शीला पटले, गीता हरिनखेड़े, रीना पारधी, राजकुमारी नागेश्वर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
अस्पताल स्टाफ के लिए बड़ी सफलता: इस प्रसव में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. ऐसे प्रकरणों में प्राय: सिजेरियन आपरेशन करना पड़ता है. लेकिन नर्सिंग आफिसर्स ने अपने अनुभव एवं दृढ़ विश्वास की बदौलत सामान्य प्रसव के माध्यम से तीनों बच्चों का जन्म कराने में कामयाबी हासिल की, जोकि प्रसंशनीय है. डॉ धबड़गाव ने बताया कि, जिला चिकित्सालय बालाघाट में पिछले तीन माह में यह तीसरी घटना है. इससे पूर्व भी 3 बच्चों का सीजर के माध्यम से ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया था और उसके पूर्व एक साथ 4 बच्चों का ऑपरेशन के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया था.