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MP Tiger Deaths Record: मध्य प्रदेश बन रहा बाघों की क्रबगाह, नहीं थम रहा शिकार, छिन न जाए टाइगर स्टेट का दर्जा - mp tiger deaths record highest level

बालाघाट में कान्हा नेशनल पार्क से सटे इलाके में वन विभाग ने कार्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर नर बाघ की खाल बरामद की है. जिसे शिकारियों ने तस्करी के इरादे से छिपा कर रखा था. खाल की कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में लाखो रुपये बताई जा रही है. आरोपी फरार है विभाग मामले की जांच जुटा है. Balaghat Tiger Hunting, MP balaghat, MP forest Department, bandhavgarh national park, mp tiger deaths record highest level

Balaghat Tiger Hunting
बालाघाट में नही थम रहा बाघों का शिकार
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Published : Sep 21, 2022, 7:43 PM IST

बालाघाट। कान्हा नेशनल पार्क से सटे बैहर तहसील में वन विभाग के लाखों रुपये कीमती नर बाघ का खाल बरामद किया है. बाघ का यह खाल वन विभाग के कार्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर बरामद किया गया है. खाल को लेकर विभाग के अधिकारी ने गोली मारकर बाघ के शिकार की संभावना जताई है. आरोपी फरार है फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. (Kanha National Park)

लाखों की कीमत की खाल: जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी को फोन पर मुखबिर ने इस बात कि सूचना दी कि, ट्रेजर सिनेमा के पीछे एक पेङ के नीचे राष्ट्रीय पशु बाघ का खाल किसी अज्ञात शिकारियों ने बेचने के उद्देश्य से रखा है. जिसके बाद विभाग ने कार्ऱवाई करते हुए डेढ़ से दो वर्षीय नर बाघ की खाल को बरामद किया. इसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में लाखो रुपये बताई जा रही है. (Balaghat Tiger Hunting)

टाइगर, तेंदुए की खाल के साथ 3 आरोपी सहित 2 तांत्रिक गिरफ्तार, तंत्र मंत्र से नोटों की बारिश कराने का करते थे दावा

बाघ की गोली मारकर हत्या: पश्चिम बैहर के वन परिक्षेत्र अधिकारी कृष्णा मरावी ने कहा कि संभवत बाघ का शिकार, शिकारियों ने गोली मारकर किया है जिसकी जांच चल रही है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि किन शिकारियों ने बाघ का शिकार, किस कारण से किया है. वेटनरी डॉक्टरों की टीम नें बाघ के शव का परीक्षण करने के बाद बताया कि, यह नर बाघ की खाल है जिसकी उम्र डेढ़ से दो साल की रही होगी. हांलाकि बाघ कि मौत किस परिस्थिति में हुई है यह पता करने के लिए सैंपल जबलपुर लैब भेजा गया है. (MP forest Department)

3 साल में बांधवगढ़ में 2 दर्जन बाघ मरे: मध्यप्रदेश को बाघ स्टेट का दर्जा दिलाने में 124 बाघों के साथ बांधवगढ़ ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पिछले तीन सालों में बांधवगढ़ ने अपने दो दर्जन से ज्यादा बाघ खो दिए. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्यप्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा खतरे में पड़ सकता है. बांधवगढ़ में 2 साल के अंदर तीन बाघिन और तीन शावकों का शिकार हो गया. शहडोल संभाग के जंगलों में शिकारियों के फंदे में फंस कर 5 साल के अंदर 10 से ज्यादा बाघों की जान चली गई. अकेले उमरिया जिले में खेतों में फैलाए गए करंट की वजह से दो साल में 7 से ज्यादा तेंदुए मौत का शिकार हो गए.

NTCA की रिपोर्ट
NTCA की रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में 2012 और 2020 के बीच कुल 202 बाघों के (tigers death in MP) मरने की सूचना है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि राज्य में इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच अब तक 38 बाघों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश ने 2018 की जनगणना (tiger census 2018) में 526 बाघों का घर (number of tigers in MP india 526) होने के कारण टाइगर स्टेट (Madhya pradesh is tiger state) का टैग हासिल कर लिया था, जो कर्नाटक (tigers in Karnataka) से दो अधिक है.

बालाघाट। कान्हा नेशनल पार्क से सटे बैहर तहसील में वन विभाग के लाखों रुपये कीमती नर बाघ का खाल बरामद किया है. बाघ का यह खाल वन विभाग के कार्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर बरामद किया गया है. खाल को लेकर विभाग के अधिकारी ने गोली मारकर बाघ के शिकार की संभावना जताई है. आरोपी फरार है फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. (Kanha National Park)

लाखों की कीमत की खाल: जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी को फोन पर मुखबिर ने इस बात कि सूचना दी कि, ट्रेजर सिनेमा के पीछे एक पेङ के नीचे राष्ट्रीय पशु बाघ का खाल किसी अज्ञात शिकारियों ने बेचने के उद्देश्य से रखा है. जिसके बाद विभाग ने कार्ऱवाई करते हुए डेढ़ से दो वर्षीय नर बाघ की खाल को बरामद किया. इसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में लाखो रुपये बताई जा रही है. (Balaghat Tiger Hunting)

टाइगर, तेंदुए की खाल के साथ 3 आरोपी सहित 2 तांत्रिक गिरफ्तार, तंत्र मंत्र से नोटों की बारिश कराने का करते थे दावा

बाघ की गोली मारकर हत्या: पश्चिम बैहर के वन परिक्षेत्र अधिकारी कृष्णा मरावी ने कहा कि संभवत बाघ का शिकार, शिकारियों ने गोली मारकर किया है जिसकी जांच चल रही है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि किन शिकारियों ने बाघ का शिकार, किस कारण से किया है. वेटनरी डॉक्टरों की टीम नें बाघ के शव का परीक्षण करने के बाद बताया कि, यह नर बाघ की खाल है जिसकी उम्र डेढ़ से दो साल की रही होगी. हांलाकि बाघ कि मौत किस परिस्थिति में हुई है यह पता करने के लिए सैंपल जबलपुर लैब भेजा गया है. (MP forest Department)

3 साल में बांधवगढ़ में 2 दर्जन बाघ मरे: मध्यप्रदेश को बाघ स्टेट का दर्जा दिलाने में 124 बाघों के साथ बांधवगढ़ ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पिछले तीन सालों में बांधवगढ़ ने अपने दो दर्जन से ज्यादा बाघ खो दिए. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही बाघों की मौतों से मध्यप्रदेश को मिला बाघ स्टेट का दर्जा खतरे में पड़ सकता है. बांधवगढ़ में 2 साल के अंदर तीन बाघिन और तीन शावकों का शिकार हो गया. शहडोल संभाग के जंगलों में शिकारियों के फंदे में फंस कर 5 साल के अंदर 10 से ज्यादा बाघों की जान चली गई. अकेले उमरिया जिले में खेतों में फैलाए गए करंट की वजह से दो साल में 7 से ज्यादा तेंदुए मौत का शिकार हो गए.

NTCA की रिपोर्ट
NTCA की रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश में 2012 और 2020 के बीच कुल 202 बाघों के (tigers death in MP) मरने की सूचना है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि राज्य में इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच अब तक 38 बाघों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश ने 2018 की जनगणना (tiger census 2018) में 526 बाघों का घर (number of tigers in MP india 526) होने के कारण टाइगर स्टेट (Madhya pradesh is tiger state) का टैग हासिल कर लिया था, जो कर्नाटक (tigers in Karnataka) से दो अधिक है.

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