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मनरेगा से रोजगार देने के मामले में बालाघाट नंबर वन - Balaghat news

बालाघाट में मनरेगा से एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है, जो कि प्रदेश में सबसे अधिक है. जिनमें लगभग 1 लाख 9 हजार मजदूर अन्य राज्यों से वापस आए हैं. वहीं मनरेगा के कार्यस्थल पर मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क या गमछा लगाकर काम करने की सलाह दी जा रही है.

Balaghat in Madhya Pradesh in giving highest employment from MNREGA
मनरेगा से रोजगार देने में मध्यप्रदेश में पहले स्थान पर बालाघाट
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Published : Jun 3, 2020, 4:13 AM IST

बालाघाट। एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण जॉब कार्ड धारकों को रोजगार देने के मामले में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिला है. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी पर 20 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है.

बालाघाट हुआ नंबर वन

बता दें कि बालाघाट में 30 मई 2020 की स्थिति में जिले की 684 ग्राम पंचायतों में कुल 5246 कार्य प्रगति पर हैं. इनमें 4 हजार 520 कार्य हितग्राही मूलक कार्य हैं और 726 कार्य सामुदायिक कार्य हैं. इन कार्यों में 2076 कार्य जल संरक्षण और जल संवर्धन से जुड़े हैं. मनरेगा के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों से जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है. कोरोना संकट के दौर में जिले में मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किया गया है. वहीं जिले में लगभग 1 लाख 09 हजार मजदूर अन्य राज्यों से वापस आए हैं. बाहर से आए मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें भी मनरेगा में काम दिया जा रहा है. जहां जिले में मनरेगा से प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है.

Balaghat in Madhya Pradesh in giving highest employment from MNREGA
मनरेगा के तहत काम करते बालाघाट के मजदूर

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मनरेगा के कार्यों में पूरी सावधानी बरती जा रही है. सभी मजदूरों को मास्क लगाकर या मुंह पर गमछा बांधकर काम करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही काम के दौरान दो व्यक्तियों के बीच कम से कम की दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी गई है. मनरेगा में काम कर रहे एक लाख 8 हजार मजदूरों को मास्क का वितरण किया जा चुका है. साथ ही कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है.

बालाघाट। एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण जॉब कार्ड धारकों को रोजगार देने के मामले में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिला है. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी पर 20 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है.

बालाघाट हुआ नंबर वन

बता दें कि बालाघाट में 30 मई 2020 की स्थिति में जिले की 684 ग्राम पंचायतों में कुल 5246 कार्य प्रगति पर हैं. इनमें 4 हजार 520 कार्य हितग्राही मूलक कार्य हैं और 726 कार्य सामुदायिक कार्य हैं. इन कार्यों में 2076 कार्य जल संरक्षण और जल संवर्धन से जुड़े हैं. मनरेगा के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों से जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है. कोरोना संकट के दौर में जिले में मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किया गया है. वहीं जिले में लगभग 1 लाख 09 हजार मजदूर अन्य राज्यों से वापस आए हैं. बाहर से आए मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें भी मनरेगा में काम दिया जा रहा है. जहां जिले में मनरेगा से प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है.

Balaghat in Madhya Pradesh in giving highest employment from MNREGA
मनरेगा के तहत काम करते बालाघाट के मजदूर

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मनरेगा के कार्यों में पूरी सावधानी बरती जा रही है. सभी मजदूरों को मास्क लगाकर या मुंह पर गमछा बांधकर काम करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही काम के दौरान दो व्यक्तियों के बीच कम से कम की दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी गई है. मनरेगा में काम कर रहे एक लाख 8 हजार मजदूरों को मास्क का वितरण किया जा चुका है. साथ ही कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है.

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