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बालाघाट कलेक्टर ने बंद करवाया मॉयल की चीनी कंपनी का काम, जानिए क्या है पूरा मामला ?

बालाघाट में भारत सरकार के उपक्रम मैग्नीज ऑफ इंडिया लिमिटेड (मॉयल) में कार्यरत चाइनीज कंपनी चाइना कोल सीसी 3 द्वारा भारतीय मजदूरों का मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले में कलेक्टर ने आदेश दिे हैं कि कंपनी को भारतीय मजदूरों का काम पर रखना होगा, नहीं तो कंपनी का काम बंद ही रहेगा. पढ़िए पूरी खबर...

Collector deepak arya has stopped the work of Moyal due to the removal of Indian laborers in balaghat
बालाघाट कलेक्टर ने बंद करवाया मॉयल का काम
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Published : Jun 24, 2020, 4:44 AM IST

बालाघाट। मैगनीज ऑफ इंडिया लिमिटेड कंपनी में चीनी कंपनी के भारतीय मजदूरों को काम से निकालने के मामले में कलेक्टर दीपक आर्य ने कंपनी का काम बंद करवा दिया है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर कंपनी को काम कराना है कि भारतीय मजदूरों को काम पर रखना होगा.

भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़प के बीच मध्यप्रदेश के बालाघाट में भारत सरकार के उपक्रम मैग्नीज ऑफ इंडिया लिमिटेड (मॉयल) में कार्यरत चाइनीज कंपनी (चाइना कोल सीसी 3) ने 62 भारतीय मजदूरों को काम से ये कहकर निकाल दिया था कि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा होने से भारतीय मजदूर के साथ काम करने से चीनी मजदूरों को कोरोना हो सकता है, जिससे उन पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पहले कोरोना का बहाना बनाते हुए कंपनी ने मजदूरों को काम पर वापस नहीं बुलाया और अब उन्हें रखने को तैयार नहीं हैं. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मॉयल में चायनीज कंपनी द्वारा किया जा रहा काम को बंद करवा दिया, साथ ही भारतीय मजदूरों को काम पर लेने के आदेश कलेक्टर दीपक आर्य ने दिये हैं.

यह मजदूर बीते 1 साल से इस कंपनी के लिए अंडर ग्राउंड शॉफ्ट के निर्माण का काम कर रहे थे. लॉकडाउन में कंपनी का काम बंद हो गया था. एक हफ्ते पहले कंपनी ने दोबारा काम शुरू किया, लेकिन सारे भारतीय श्रमिकों को नहीं लिया गया. भारत सरकार के उपक्रम मॉयल लिमिटेड में चाइनीज कंपनी ने 250 करोड़ की लागत से काम कर रही है.

बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने चीनी कंपनी द्वारा मायल में भारतीय मजदूरों को काम से निकालने पर चीनी कंपनी के काम को बंद करवा दिया है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि यदि मॉयल में चीनी कंपनी को काम करना है तो भारतीय मजदूरों को नौकरी पर रखना होगा नहीं तो काम बंद रहेगा.

बालाघाट। मैगनीज ऑफ इंडिया लिमिटेड कंपनी में चीनी कंपनी के भारतीय मजदूरों को काम से निकालने के मामले में कलेक्टर दीपक आर्य ने कंपनी का काम बंद करवा दिया है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर कंपनी को काम कराना है कि भारतीय मजदूरों को काम पर रखना होगा.

भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़प के बीच मध्यप्रदेश के बालाघाट में भारत सरकार के उपक्रम मैग्नीज ऑफ इंडिया लिमिटेड (मॉयल) में कार्यरत चाइनीज कंपनी (चाइना कोल सीसी 3) ने 62 भारतीय मजदूरों को काम से ये कहकर निकाल दिया था कि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा होने से भारतीय मजदूर के साथ काम करने से चीनी मजदूरों को कोरोना हो सकता है, जिससे उन पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पहले कोरोना का बहाना बनाते हुए कंपनी ने मजदूरों को काम पर वापस नहीं बुलाया और अब उन्हें रखने को तैयार नहीं हैं. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मॉयल में चायनीज कंपनी द्वारा किया जा रहा काम को बंद करवा दिया, साथ ही भारतीय मजदूरों को काम पर लेने के आदेश कलेक्टर दीपक आर्य ने दिये हैं.

यह मजदूर बीते 1 साल से इस कंपनी के लिए अंडर ग्राउंड शॉफ्ट के निर्माण का काम कर रहे थे. लॉकडाउन में कंपनी का काम बंद हो गया था. एक हफ्ते पहले कंपनी ने दोबारा काम शुरू किया, लेकिन सारे भारतीय श्रमिकों को नहीं लिया गया. भारत सरकार के उपक्रम मॉयल लिमिटेड में चाइनीज कंपनी ने 250 करोड़ की लागत से काम कर रही है.

बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने चीनी कंपनी द्वारा मायल में भारतीय मजदूरों को काम से निकालने पर चीनी कंपनी के काम को बंद करवा दिया है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि यदि मॉयल में चीनी कंपनी को काम करना है तो भारतीय मजदूरों को नौकरी पर रखना होगा नहीं तो काम बंद रहेगा.

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